Top Story

भाजपा कार्यकर्ताओं ने किया घर-घर जनसंपर्क

छिंदवाड़ा। भाजपा जिलाध्यक्ष विवेक बंटी साहू के नेतृत्व में वार्ड क्र. 38, 36, 37 एवं 34 के मतदान केंद्रों में घर-घर संपर्क अभियान में प्रधानमंत्री का पत्र, एक साल की उपलब्धियों के पत्रक, मास्क एवं सैनिटाइजर वितरित किए एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वितीय कार्यकाल के प्रथम वर्ष की उपलब्धियों एवं जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी गई। इस दौरान लोगों को बताया कि योग हमारे तन-मन-मस्तिष्क व आत्मा को ऊर्जा व शक्ति प्रदान करता है।

घर-घर जनसंपर्क अभियान के अंतर्गत वार्ड क्र. 38 में भाजपा जिलाध्यक्ष विवेक बंटी साहू के साथ नेता योगेश सदारंग, जागेंद्र अल्डक, विजय झांझरी, जितेन्द्र राय, तरूण मल्होत्रा, नगर मंडल अध्यक्ष रोहित पोफली, युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष अंकुर शुक्ला उपस्थित थे। इसी तरह वार्ड क्र.36, 37 में भाजपा जिलाध्यक्ष विवेक बंटी साहू के साथ भाजपा नेता योगेश सदारंग, नगर मंडल अध्यक्ष रोहित पोफली, युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष अंकुर शुक्ला व कार्यकर्ता उपस्थित थे। वार्ड क्र. 34 में सभापति विजय पांडे के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर जनसंपर्क किया।

——————

सुखी होने का महामंत्र समस्या नहीं समाधान खोजोः डॉ.संजीव गोधा

छिंदवाड़ा। आज के समय में प्रत्येक व्यक्ति शांति की खोज में भटक रहा है। कभी स्वयं की शांति, कभी परिवार की शांति तो कभी समाज और देश की शांति के लिए पूरे जीवन शांति का प्रयत्न करता रहता है परंतु वास्तविक शांति कहां और कैसे मिलेगी इस और प्रयत्न नहीं करता।

स्वयं के साथ धर-परिवार- समाज एवं देश की शांति के लिए ही यह सुंदर शिविर का आयोजन चल रहा है जो आज की मुख्य आवश्यकता है। उक्त मार्मिक उदगार जैन दर्शन के अंतरराष्ट्रीय वक्ता युवा विद्वान पंडित डॉ. संजीव गोधा जयपुर वालों ने शिक्षण शिविर के दौरान पारिवारिक शांति सुझाव एवं उपाय विषय पर व्यक्त किए।

मीडिया प्रभारी दीपकराज जैन ने बताया कि डॉ. गोधा ने कहा कि ऐसा कहते हुए आपको अनेकों लोग कहीं भी मिल जाएंगे कि घर में सब कुछ है, पैसों की कमी नहीं, नौकर-चाकर,सुविधाएं सब कुछ हैं, पर पता नहीं क्यों परिवार में शांति नहीं है। आपको कभी विचार किया है कि आखिर क्यों नहीं है शांति। श्री गोधा ने कहा कि आज रिश्ते बहुत नाजुक हो गए हैं। पति-पत्नी के बीच आपस में नहीं बन रही। भाई-भाई के बीच नहीं बनती, पिता-पुत्र के संबंधों में खटास है। समस्याएं बहुत हैं पर समस्या का मुख्य कारण क्या है? देखने का नजरिया नहीं है। आज हमने संस्कारों को ताक में रख दिया है। हमारी दृष्टि सिर्फ कमियों पर ही रहती है। हम यह क्यों भूल जाते है कि यहां कोई भी परिपूर्ण नहीं है। हममें से कोई भी भगवान नहीं है।

Source