Top Story

क्यों पत्नी की नौकरी छुड़वाने के बाद पछताते हैं पति?

NBT

आज के दौर की लड़कियां अपने करियर को लेकर काफी अवेयर रहती हैं। शादी के बाद भी वे घर और नौकरी को मैनेज करते हुए अपने सुरक्षित व खुशहाल भविष्य को सुनिश्चित करने की कोशिश करती हैं। पति और ससुराल का सपोर्ट मिले, तो उनके लिए दोनों को मैनेज करना आसान हो जाता है। हालांकि, ऐसे कई उदाहरण भी मौजूद हैं, जिनमें बच्चों के जन्म के बाद या फिर परिवार की जिम्मेदारी ज्यादा बेहतर तरीके से संभालने के लिए पत्नी की नौकरी छुड़वा दी जाती है। इन मामलों में ज्यादातर प्रेशर पति की ओर से आता है।
आमतौर पर ऐसे पुरुष मानते हैं कि पत्नी के हाउसवाइफ बनने पर उनकी फैमिली ज्यादा बेहतर तरीके से मैनेज हो सकेगी और यह उन्हें अपने काम और करियर पर बिना टेंशन के ध्यान लगाने में मदद करेगा। वे मानते हैं कि घर के खर्चों को अकेले उठाने में वे समर्थ हैं। हालांकि, वे इस बात से अंजान रहते हैं कि यह फैसला कैसे उनके और पत्नी के भविष्य पर असर डालते हुए, फैमिली लाइफ को मुश्किल बना सकता है।

हर पत्नी करती है उम्मीद, उनके पति बिना कहे समझ लें ये बातें

फाइनेंशल प्रेशर बढ़ना
पत्नी की नौकरी भले ही आप ये सोचकर छुड़वाएं कि आपकी सैलरी इतनी है कि सब मैनेज हो जाएगा, लेकिन क्या आपने ये अच्छे से सोच लिया है? दरअसल, दो लोग जब कमाते हैं, तो दोनों अपने खर्चों के साथ ही घर के खर्चे भी मिलकर उठाते हैं। इससे दोनों पर ही ज्यादा फाइनेंशल प्रेशर नहीं आता है। वहीं अगर कमाने वाला एक हो, तो उसे वर्तमान से लेकर भविष्य के सभी खर्चों को अकेले ही उठाने के लिए तैयार रहना चाहिए।

NBT

ऐसे कई मामले देखने को मिलते हैं जिनमें पति अपनी पत्नी की नौकरी छुड़वा तो देते हैं, लेकिन जब बच्चों की पढ़ाई, उनकी करियर से जुड़ी जरूरतें, बढ़ती उम्र के कारण होने वाली मेडिकल प्रॉब्लम्स और रिटायरमेंट के बाद के खर्चों के कारण उन पर जबरदस्त मानसिक व आर्थिक दबाव पड़ने लगता है, तो वे अपने निर्णय पर पछताने लगते हैं।

सोशल मीडिया पर लिखे गए इमोशनल पोस्ट तोड़ देते हैं पति-पत्नी का रिश्ता, बढ़ती है बदले की भावना

पत्नी से दूरी
जब पति और पत्नी दोनों वर्किंग होते हैं, तो समय के साथ वर्क कल्चर में होने वाले बदलावों से गुजरते हुए वे एक-दूसरे के सपोर्ट सिस्टम बन जाते हैं। वहीं जब पत्नी को नौकरी छोड़े समय हो जाता है, तो वह इन बदलावों से अछूती रह जाती है, जिससे पति जब अपनी समस्याएं बताता है, तो वह उससे रिलेट नहीं कर पातीं। इससे धीरे-धीरे पति अपनी जॉब से जुड़ी समस्याओं को घर पर बताना बंद कर देता है। उसे लगता है कि पत्नी उसे समझती नहीं और यह सोच रिश्ते में दूरी लाने का कारण बन जाता है।

NBT

दूसरी ओर पत्नी की जिंदगी में भी काम से जुड़ी टेंशन की जगह घर से जुड़ी परेशानियां ले लेती हैं। फैमिली लाइफ को स्मूदली चलाने के लिए वह भी जबरदस्त स्ट्रेस से गुजरती हैं, लेकिन चूंकि पति काम के टेंशन में होता है, तो वह ज्यादातर समय पत्नी को सपोर्ट देने में असमर्थ नजर आता है। ऐसा जब होता है तो पत्नी को अकेलापन महसूस होने लगता है। उसे लगता है कि सारी जिम्मेदारियां उसकी अकेले की हैं। वह धीरे-धीरे अपनी लाइफ में पति को शरीक करना कम कर देती है, जो दोनों को दूर कर देता है।

सुष्मिता की भाभी चारू बोलीं ‘शक का कोई इलाज नहीं होता’, जानें कैसे शकी मिजाज करता है रिश्ते को तबाह

आप नहीं रहे तो?
सोचने में अजीब लगता है ना? लेकिन अगले ही पल क्या होने वाला है इसका अंदाजा कोई भी नहीं लगा सकता। आप खुद सोचिए कि अगर आप नहीं रहे, तब आपके परिवार को कौन संभालेगा? जॉब छोड़े अगर पत्नी को सालों हो गए हों, तो उन्हें इतने गैप के बाद रोजगार कैसे मिलेगा?

NBT

जब ऐसा होगा तब पत्नी और बच्चों के लिए समय कितना कठिन हो जाएगा, जरा इस बारे में सोचकर देखें। वहीं अगर पत्नी नौकरी करती रहे, तो उसे आपके जाने के बाद कम से कम आर्थिक सहायता के लिए किसी के सामने हाथ नहीं फैलाने पड़ेंगे।