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विराट से शादी को तैयार नहीं थीं अनुष्का, जानें क्यों लड़कियां आजकल शादीशुदा जिंदगी से दूर भागने लगी हैं ?

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विराट कोहली और अनुष्का शर्मा आज भले ही पति-पत्नी हों, लेकिन एक समय ऐसा भी आया था, जब दोनों ने सालों तक रिश्ते में रहने के बाद राहें अलग कर ली थीं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, क्रिकेटर के शादी के प्रपोजल को बार-बार रिजेक्ट करने के कारण यह ब्रेकअप हुआ था। मॉर्डन सोसायटी में भी ऐसी कई लड़कियां हैं, जो लॉन्ग टाइम से रिलेशनशिप में हैं, लेकिन जब शादी के सब्जेक्ट की बात आती है, तो वे इससे भागने लग जाती हैं। तो आखिर ऐसा क्या बदल गया है कि जो लड़कियां पहले शादी करने का सपना देखती थीं, वो अब इस बंधन में कम रुचि दिखाने लगी हैं?

माता-पिता की बदली सोच

पहले जहां ज्यादातर घरों में लड़की के बालिग होते ही उसके हाथ पीले कर देने के बारे में सोचा जाता था, वहीं अब पैरंट्स की सोच काफी बदल गई है। ज्यादातर पैरंट्स अब अपनी बेटी पर जल्दी शादी का दबाव नहीं डालते। वहीं कुछ ऐसे माता-पिता भी हैं, जिन्होंने शादी को लेकर पूरा फैसला अपनी बेटियों पर ही छोड़ा हुआ है। वे अब शादी से ज्यादा बेटी की पढ़ाई और उसके अपने पैरों पर खड़े होने को लेकर ज्यादा चिंता करते हैं। इस वजह से अब लड़कियां भी शादी के बारे में कम और अपने बेहतर भविष्य के बारे में ज्यादा सोचती हैं।

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पढ़ाई और सपने
बेहतर एजुकेशन और पैरंट्स की बदलती सोच के कारण लड़कियों को इंडिपेंडेंट होने का मौका मिल रहा है। वे शादी से ज्यादा करियर को लेकर बने सपने को पूरा करने पर ध्यान देने लगी हैं। खासतौर से आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होना उनकी टॉप प्रायॉर्टी रहता है।

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शादी के बाद की जिम्मेदारियां
समय कितना ही बदल गया हो, लेकिन ज्यादातर घरों में आज भी लड़कियों से उम्मीद की जाती है कि शादी के बाद वे घर की जिम्मेदारी संभालें। इस वजह से लड़की के ऊपर न सिर्फ ऑफिस में अच्छा परफॉर्म करने का प्रेशर बल्कि ससुराल, मायके, पति, बच्चे और रिश्तेदारों से जुड़ी जिम्मेदारियों को निभाने का जबरदस्त भार आ जाता है।

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यह उन्हें मेंटल, इमोशनल और फिजिकल तौर पर थका देता है। इस तरह के उदाहरण हर लड़की को अपने आसपास देखने को मिल ही जाते हैं। फीमेल होने के कारण वे उनसे बेहतर तरीके से कनेक्ट कर पाती हैं, जो उन्हें शादी के रिश्ते को अपने और बॉयफ्रेंड के प्यार से ऊपर उठकर दूसरे ऐंगल से भी देखने के लिए मजबूर कर देता है।

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करियर से समझौते का डर
ज्यादातर मामलों में शादी के बाद सभी जिम्मेदारियों को निभाने और बच्चे होने पर उनकी बेहतर परवरिश के लिए लड़कियों को अपने करियर से समझौते के लिए कहा जाता है। ऐसा होने पर वे उस तरह से अपने ऑफिस में परफॉर्म नहीं कर पातीं, जैसा वे सिंगल होने पर कर सकती थीं, जो उनकी ग्रोथ को रोक देता है। वहीं कुछ केस में परिवार को संभालने के लिए पत्नी की जॉब भी छुड़वा दी जाती है। सभी लड़कियां इस बात से वाकिफ रहती हैं कि उनके साथ भी ऐसा हो सकता है, जिस वजह से वे लंबे समय तक रिलेशन में रहने पर भी शादी के बंधन में बंधने से कतराती दिखती हैं।

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लविंग नहीं सपोर्टिव पार्टनर की तलाश में लड़कियां
समय के साथ लड़कियों में जितना बदलाव आया है, उसकी तुलना में लड़कों में कम बदलाव हुए हैं। प्यार और लड़कियों के करियर को लेकर तो उनकी सोच काफी बदली है, लेकिन ज्यादातर लड़के अभी भी सपोर्टिव पार्टनर नहीं बन पाते हैं। घर के कामों से लेकर बच्चों की परवरिश और अन्य रिश्ते निभाने की जिम्मेदारी वे अभी भी अपने साथी पर ही छोड़ते हैं।

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ऐसा इसलिए है क्योंकि आज भी आमतौर पर लड़कों को न तो घर के काम सिखाए जाते हैं और ना ही उनसे शादी के बाद अपनी पत्नी का हाथ बटाने की उम्मीद की जाती है। आजकल की लड़कियां चूंकि खुद इंडिपेंडेंट हैं, ऐसे में वे लविंग से ज्यादा सपोर्टिव पति को पाने की उम्मीद रखती हैं, ताकि उनका जीवनसाथी सही मायनों में पार्टनर की तरह हर चीज में उनका हाथ बटा सके।