45 हजार मीट्रिक टन यूरिया का उठाव, फिर भी खाद की कमी
Publish Date: | Mon, 03 Aug 2020 04:12 AM (IST)
समितियों से बैरंग लौट रहे किसान, प्रायवेट फर्मों पर दिख रहा जमकर स्टॉक
छिंदवाड़ा। कृषि विभाग के लाख दावों के बाद भी किसानों के सामने यूरिेया का संकट बना हुआ है सवाल यह उठता है कि जिले में लगातार युरिया पहुंच रहा है फिर भी किसानों को यूरिया क्यों नहीं मिल पा रहा है। विभाग का दावा है कि पिछले साल के मुकाबले अब तक दोगुना यूरिया जिले के किसानों को बांटा जा चुका है। वर्तमान समय में सोसायटियों पर यूरिया खत्म है या फिर लंबी कतार लगी हुई है जबकि प्राइवेट फर्मों को जमकर स्टॉक उपलब्ध है। जिले में जितना भी यूरिया की सप्लाई की जाती है उसमें से 20 प्रतिशत यूरिया प्राइवेट सप्लाई की जाती है। जिले में यूरिया की किल्लत मक्के की बोवनी के समय से देखी जा रही है सभी विकासखंड में किसान यूरिया की मांग को लेकर सड़क पर उतर चुके हैं। जिले में रैक के माध्यम से अब तक 45 हजार मीट्रिक टन यूरिया का उठाव हो चुका है इतना यूरिया पहुंचने के बाद भी यूरिया की जरुरत बनी हुई है। किसानों का लगातार आरोप लग रहे है कि जिस सोयायटी में जितनी कृषि भूमि है उस हिसाब से किसानों को यूरिया उपलब्ध नहीं हो पा रही है। कृषि विभाग लगातार दावा कर रहा है कि लगातार जिले में यूरिया के रैक पहुंच रहे हैं जिससे किसानों के सामने यूरिया का संकट नहीं आएगा।
पर्याप्त मात्रा में है यूरिया
जिले में पर्याप्त मात्रा में यूरिया की सप्लाई की जा रही है हर सप्ताह यूरिया की रैक आ रही है रैक आने के बाद यूरिया सोसायटियों में सप्लाइ की जा रही है जहां पर ज्यादा समस्या आ रही है वहां पर लगातार सप्लाई की जा रही है। टीम बनाकर प्राइवेट फर्मों पर नजर रखी जा रही है कि कहीं किसानों से यूरिया के ज्यादा दाम ना वसूले जा रहे हो।
जेआर हेड़ाऊ, उपसंचालक, कृषि विभाग, छिंदवाड़ा।
Posted By: Nai Dunia News Network
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