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मोटर ट्राली के बाद ट्रैक पर 91 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ाकर लिया स्पीड ट्रायल

Publish Date: | Sun, 23 Aug 2020 04:07 AM (IST)

सीएसआर ने सुरक्षा के नियमों को परखा, निरीक्षण के दौरान जगह-जगह पर

रुककर की जांच,

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भंडारकुंड से भिमालगोंदी के बीच बने ट्रैक व इलेक्ट्रिफिकेशन का भी निरीक्षण

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बारिश में छाता लगाकर हुआ सीआरएस

छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा-नागपुर ब्राडगेज के चौथे खंड भंडारकुंड से भिमालगोंदी के बीच बने नए रेलवे ट्रैक पर मोटर ट्राली व 91 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन दौड़ाकर स्पीड ट्रायल किया गया। भंडारकुंड से भिमालगोंदी के बीच बने 20 किमी रेलमार्ग का सीआरएस (कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी) एके राय ने निरीक्षण किया। इस दौरान भंडारकुंड से भिमालगोंदी के

बीच किए गए निर्माण कार्य और इलेक्ट्रिफिकेशन का सीआरएस ने एक साथ निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान सीआरएस निर्माण कार्यों को लेकर संतुष्ट नजर आए वहीं कई स्थानों पर सुधार के नियमों को परखा तथा आवश्यक निर्देश दिए। सीएसआर विशेष ट्रेन से पहुंचे थे जिसके बाद उन्होंने रेलवे के अधिकारियों के साथ सुबह 10.30 बजे मोटर ट्राली मोटर ट्राली और टॉवर कार से भंडारकुंड से भिमलागोंदी के बीच हुए निर्माण कार्य की जांच की तथा रेलवे के अधिकारियों की बैठक ली। दोपहर 2 बजे से 3.30 बजे तक भिमालगोंदी से भंडारकुंड के बीच ट्रेन दौड़ाकर स्पीड ट्रायल लिया गया। निरीक्षण के दौरान डिप्टी सीआरएस सीताराम, चीफ इंजीनियर एचपी त्रिपाठी सहित रेलवे के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे। सूत्रों की मानें तो इस निरीक्षण में सीआरएस संतुष्ट नजर आए है जिससे जल्द ही ट्रेन दौड़ाने की अनुमति मिल सकती है। गौरतलब है कि सीआरएस (कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी) के

निरीक्षण के बाद रिपोर्ट मुख्यालय भेजी जाएगी जिसके बाद सब कुछ सही रहा तो इस रुट पर ट्रेन चलाने की अनुमति मिल जाएगी जिससे इतवारी से छिंदवाड़ा तक का सफर शुरु हो जाएगा। 12 साल पहले शुरू हुई परियोजना जल्द पूर्ण हो जाएगी तथा छिंदवाड़ा से इतवारी तक ट्रेन दौड़ने लगेगी।

– 12 वर्ष बाद पूरी होगी परियोजना

छिंदवाड़ा-नागपुर गेज कन्वर्जन परियोजना को वर्ष 2005-06 में स्वीकृति मिली थी। वर्ष 2008 में परियोजना के कार्य प्रारंभ हुए। रेलवे ने इस परियोजना को चार खंडों में बांटा जिसमें से भंडारकुंड से भिमालगोंदी के बीच का रेलमार्ग चौथे खंड है जो सीएसआर के बाद शुरू हो जाएगा। कार्य शुरू होने के 10 वर्ष बाद जनवरी 2018 में छिंदवाड़ा-भंडारकुंड, 23 फरवरी 2019 को इतवारी- केलोद, 11 जून 2019 को इतवारी से भिमालगोंदी के बीच ट्रेन दौड़ाई गई।

– दो पहाड़ों को जोड़ता रेलवे पुल, कुतुबमीनार से है थोड़ा छोटा

छिंदवाड़ा-नागपुर गेज कन्वर्जन परियोजना का चौथा खंड भंडारकुंड से भिमालगोंदी जिसका सीआरएस किया गया है उसमें 45 मीटर ऊंचा रेलवे ब्रिज शामिल है। नीचे नींव से ऊपर तक इसकी ऊंचाई 60 मीटर से अधिक है। कुतुब मीनार (72.5 मीटर) की ऊंचाई से यह पुल थोड़ा ही छोटा है। ब्राडगेज ट्रेन में सफर करने वाले यात्री जमीन से 45 मीटर ऊपर हवा में यात्रा का लुत्फ उठा सकेंगे। घाट सेक्शन में दो पहाड़ों को जोड़ने वाला पुल 475 मीटर लंबा है। यह पुल परियोजना का सबसे लंबा ब्रिज है। भंडारकुंड से भिमालगोंदी के बीच घाट सेक्शन में डुंगरिया गांव के नजदीक इस ब्रिज का निर्माण किया गया है। यह पुल 9 खंबों के सहारे है। इस घाट सेक्शन में 700 मीटर एवं 120 मीटर की दो सुरंगों का निर्माण किया गया है।

– छिंदवाड़ा-नागपुर आमान परिवर्तन परियोजना पर एक नजर-

– परियोजना की कुल लागत – 1420.38 करोड़

– परियोजना की लंबाई – 149 किमी

– छिंदवाड़ा क्षेत्र में – 95 किमी

– महाराष्ट्र क्षेत्र में – 54 किमी

– स्टेशनों की संख्या – 11

– हाल्ट स्टेशनों की संख्या – 14

– बड़े पुलों की संख्या – 28

– छोटे पुलों की संख्या – 307

– टनल की संख्या – 2

Posted By: Nai Dunia News Network

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