वनरक्षक से लेकर रेंजर तक की कमी, नहीं हो पा रही वनों की सुरक्षा
Publish Date: | Wed, 02 Sep 2020 04:10 AM (IST)
वनरक्षक बाबू बन दफ्तरों में खंगाल रहे फाइल, मुख्यालय में रहते हैं वनकर्मी
फील्ड पर वनकर्मियों की कमी फिर भी कार्यालय में अटैच
छिंदवाड़ा। वनों की सुरक्षा के लिए वन विभाग वनरक्षकों की भर्ती करता है, लेकिन जिले के वन विभाग कार्यालयों में ऐसे कई वनरक्षक पदस्थ हैं जिन्हें नौकरी करते हुए कई साल बीत गए लेकिन आज तक उन्होंने जंगल की सूरत तक नहीं देखी है। जंगलों में सुरक्षा के लिए जिले में स्वीकृत वनरक्षकों के पद पहले से ही कम है ऐसे में फील्ड में काम करने वाले वनरक्षकों को कार्यालय में अटैच करके रखा गया है। वनरक्षक जिला मुख्यालय व रेंज मुख्यालयों में बाबू बनकर फाइलों को खंगालने के कार्य में लगे हुए है। दफ्तरों में बाबूओं की कमी है ऐसे में बाबू का कार्य वनरक्षकों से कराया जा रहा है सवाल यह उठता है कि वनों की सुरक्षा के लिए उनकी भर्ती की गई लेकिन उनसे कार्यालय का काम क्यों कराया जा रहा है। जिले भर में वनों के कटाई के मामले सामने आते हैं ऐसे में वनों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जिले में पूर्व, पश्चिम, दक्षिण वनमंडल सहित उत्पादन और कार्ययोजना मेंअधिकारियों व कर्मचारियों की पदस्थापना है लेकिन सभी जगह कर्मचारियों की कमी बनी हुई हैं।
– उड़नदस्ता में पदस्थापना की होड़
ट्रेनिंग के बाद वनरक्षकों में जिला मुख्यालय में सीसीएफ उड़नदस्ता में पदस्थापना की होड़ सी मच जाती है। जुगाड़ लगा कर वनरक्षक उड़नदस्ता में अपनी पदस्थापना करा लेते है वर्तमान में जरूरत से ज्यादा वनरक्षक उड़नदस्ते में पदस्थ हैं जबकि कभी कभार उड़नदस्ता कार्रवाई करने निकलता है। जहां एक ओर वनरक्षकों की जरुरत जंगलों की सुरक्षा में है ऐसे में नए-नए वनरक्षक जिला मुख्यालय में रहना चाह रहे है वहीं उम्रदराज वनरक्षकों के भरोसे कई बीटों की जबावदारी रहती है। वर्तमान में अधिकारियों के बंगलों में कुक से लेकर ड्रायवर का कार्य भी वनरक्षकों के द्वारा कराया जा रहा है। महिला वनरक्षकों की पदस्थापना जंगलों के बजाए कार्यालयीन कार्य के लिए की जाती हैं।
– जहां कटाई वहां नहीं वनरक्षक
जिले के इतिहास में कई रेंजों में पूर्व में कटाई के मामले सामने आए जिसके बाद अधिकारियों तक पर कार्रवाई हुई है। ऐसी बीटों पर आज भी वनरक्षक रहना नहीं चाहते हैं ऐसे में एक वनरक्षक के पास आसपास की कई बीटों का प्रभार रहता है ऐसे में वनों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो जाते हैं। जिले में वनरक्षक के 710 पद स्वीकृत है जिसमे से 689 वनरक्षक पदस्थ है वनपाल के 212 पद स्वीकृत हैं जिसमें से 165 पदस्थ हैं। डिप्टी रेंजर के 64 पद स्वीकृत हैं। जिसमें से 29 पदस्थ है। वन विभाग में अहम पद रेंजर का होता है जिले में 55 रेंज है जिसमें से 34 रेंजर पदस्थ है। कई प्रमुख रेंजों में डिप्टी रेंजर प्रभार में बने हुए है।
– वन विभाग कर्मचारियों की संख्या पद स्वीकृत पद पदस्थवनरक्षक 710 689वनपाल 212 165डिप्टी रेंजर 64 29रेंजर 55 34
Posted By: Nai Dunia News Network
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