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बाढ़ में बह गए तीन पुल, जांच के नाम पर हो रही औपचारिकता

Publish Date: | Sun, 06 Sep 2020 04:08 AM (IST)

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बदहालीः बादगांव, बांसखेड़ा और बेलपेठ में के पुल हुए क्षतिग्रस्त

अब चौरई जाने के लिए 40 किमी अतिरिक्त सफर कर रहे सांख के ग्रामीण

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छिंदवाड़ा। चौरई में इंटकवेल हुआ क्षतिग्रस्त झिलमिली से चौरई सप्लाई होता था पानी

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छिंदवाड़ा। चौरई के सांख में बारिश में पुल बह गया। ग्रामीणों को अब चौरई जाना हुआ मुश्किल हो गया है।

छिंदवाड़ा। जिले में बारिश के साथ आई तबाही के बाद बारिश का सिलसिला भले ही थम गया है, लेकिन तबाही के मंजर अपने आप में सारी कहानी बयां कर रहे हैं। जिले का चौरई ब्लाक सबसे ज्यादा बाढ़ की चपेट में आया है। हालत ये है कि बादगांव, बांसखेड़ा और बेलपेठ में एपीआरआरडीए के पुल पानी में बह गए। भोपाल से आए पीडब्ल्यूडी इंजीनियर ने इसकी जांच की तो उनके मुताबिक डिजाइन नहीं बल्कि भारी बारिश के कारण ये पुल बहे हैं। इसे लेकर चौरई विधायक सुजीत चौधरी ने विधानसभा में मामला उठाने की बात कही है। वहीं दूसरी ओर पूर्व विधायक रमेश दुबे ने भी इस मामले की जांच की मांग कर रहे हैं। वहीं पीडब्ल्यूडी के अधिकारी इसे डिजाइन नहीं बल्कि बाढ़ को वजह बता रहे हैं।

चार साल में बह गया पुल

बेलपेठ हलालखुर्द और बेलपेट के बीच पेंच नदी में बने पुल के हलालखुर्द वाले छोर की करीब 70 मीटर एप्रोच रोड बह गई है। पुल का निर्माण 2016 में हुआ था, 200 मीटर लंबा पुल सात पीयर्स में खड़ा किया गया, जबकि 8 स्लैब डाले गए। महज साल चार में ही पुल बाढ़ के बहाव को नहीं झेल सका और जड़ से बह गया। पुल की गुणवत्ता पर भी सवाल उठ रहे है। बताया जा रहा है कि 25 एमएम की जगह 10 से 12 एमएम का लोहा उपयोग किया जो लोग घरों में इस्तेमाल करते हैं। वहीं पेंच नदी पर बने पुल की बाढ़ में एप्रोच बह गई। एक छोर में 50 मीटर तक एप्रोच सड़क बही है। पेंच नदी के ही बांसखेड़ा पुल में एक छोर की एप्रोच सड़क बही है। करीब 25 मीटर सड़क बही है। पुल का निर्माण तीन साल पहले पूर्व विधायक रमेश दुबे के प्रयासों से हुआ अब ग्रामीणों को चौरई या छिंदवाड़ा जाने के लिए 25 से तीस किमी अतिरिक्त सफर करना पड़ रहा है। हलाल खुर्द पुल के बहने से जमतारा कुंभपानी साजापानी मदरिया और हलाल सहित दर्जन भर गांवों का चौरई व छिंदवाड़ा से संपर्क टूट गया है। इन गांवों के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

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पुल का बह जाना गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर रहा है। मुख्यमंत्री से इस बारे में बात की जाएगी। विधानसभा में ध्यानाकर्षण भी लाया जाएगा।

सुजीत चौधरी, विधायक चौरई

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पुल बहने के कारण ग्रामीणों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इस बारे में अधिकारियों से चर्चा की जा रही है। मामले की सही जांच होना चाहिए।

रमेश दुबे पूर्व विधायक

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25 से 30 साल पुरानी बाढ़ को ध्यान में रखकर पुल बनाया गया, लेकिन डिजाइन से 5 मीटर ऊपर तक पानी आया है, इसलिए पुल बह गया।

एआर सिंह, चीफ इंजीनियर पीडब्ल्यूडी ब्रिज भोपाल

Posted By: Nai Dunia News Network

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