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Gwalior News: वनकर्मियों को माफिया ने जंगल में दौड़ा-दौड़ा कर मारा, वर्दी तक फाड़ दी, पुलिस ने बचाई जान

ग्वालियर मध्य प्रदेश के ग्वालियर में तमाम प्रयासों के बावजूद अवैध उत्खनन को रोकने मे वन विभाग और पुलिस की टीम नाकाम रही है। इतना ही नहीं वन विभाग की टीमों के ऊपर माफिया के हमलों का सिलसिला भी नहीं रुक रहा। गुरुवार को जंगल में पत्थर के अवैध उत्खनन को रोकने पहुंची वन विभाग की टीम पर माफिया ने न केवल हमला कर दिया बल्कि अफसरों को जंगल में दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। एक वनकर्मी की वर्दी फाड़ी और घेरकर पथराव किया जिससे दो लोग घायल हो गए। घटना ग्वालियर के तिघरा इलाके के जंगल में महेशपुरा के पास हुई। मामले की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और घायल वन कर्मियों को उपचार के लिए भेजने के बाद हमलावरों के खिलाफ FIR दर्ज की। तिघरा में नीलपुरा वन चौकी प्रभारी सत्यप्रकाश को गुरुवार को अवैध उत्खनन की सूचना मिली थी। इस पर वह तिघरा के जंगल में सांकरे बाबा मंदिर के पास महेशपुरा इलाके में पहुंचे। उनके साथ वनकर्मी नीलेश पचौरी, नंदन दुबे, सोबरन सिंह पटेल और रिंकू यादव भी थे। वहां काफी मात्रा में माफिया पत्थर का अवैध उत्खनन कर रहे थे। यहां से पत्थर निकाल रहे माफिया की पहचान बलराम बघेल, गोटा सिंह, शिवचरण, राधे यादव और अरविन्द यादव के रूप में हुई है। वन विभाग के अमले ने माफिया को चारों तरफ से घेर लिया और सरेंडर करने को कहा। जवाब में माफिया ने वन विभाग की टीम पर अचानक हमला बोल दिया। जंगल में छुपे एक दर्जन से अधिक युवक पत्थरों से लैस होकर पहुंचे और अमले पर पथराव शुरू कर दिया। खुद को घिरा पाकर वन कर्मियों में भगदड़ मच गई। इसके बाद तो वनकर्मियों को जंगल में दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। हमलावरों ने पथराव के बाद भाग रहे वनकर्मी नीलेश पचौरी को घेर लिया और वर्दी फाड़ दी। नीलेश को जमीन पर पटककर लाठियों से पीटा। पथराव में वन पाल हरिवल्लभ चतुर्वेदी तथा एक अन्य के सिर में पत्थर लगा, जिससे वह घायल हो गए। माफिया के हमले से बचने वनकर्मियों ने जंगल में छुपकर जान बचाई और पुलिस को सूचना दी। वन विभाग के अमले या पुलिस पर यह माफिया का पहला हमला नहीं है। 6 फरवरी को पुरानी छावनी जलालपुर अंडर रेलवे ब्रिज पर रेत माफिया ने कार्रवाई से बौखलाकर गोलियां चलाईं। इसके बाद पुरानी छावनी TI सुधीर सिंह कुशवाह पर ट्रैक्टर चढ़ाकर कुचलने का प्रयास किया। इसमें वह घायल हुए थे। पनिहार के छोड़ा गांव के बीच पत्थर का अवैध उत्खनन कर रहे माफिया ने पिछले ही महीने वन विभाग पर हमला किया था। बाद में पुलिस ने पहुंचकर एक ट्रॉली पत्थर जब्त किया था। बीते 2 महीने में तिघरा के महेशपुरा के पास वन टीम पर यह तीसरा हमला है। हर बार माफिया हमला कर बच निकलते हैं।


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