Vaccination of Children: बच्चों को वैक्सीन के लिए अभी करना होगा थोड़ा इंतजार, ट्रायल जल्द होगा शुरू

विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि देश में दस्तक देने वाली है। इसकी चपेट में सबसे ज्यादा बच्चों के आने के आसार हैं। इससे निपटने के लिए सरकार तैयारियों में जुट गई है। इसे देखते हुए दवा नियामक डीसीजीआई की एक्सपर्ट कमेटी ने 2 से 15 साल के बच्चों पर वैक्सीन के ट्रायल की अनुमति दी है। अब डीसीजीआई की अंतिम मंजूरी का इंतजार है। एम्स में डिपार्टमेंट ऑफ मेडिसिन के डॉक्टर संजीव सिन्हा ने बताया कि हाल में भारत बायोटेक को 2 से 15 साल के बच्चों पर वैक्सीन के ट्रायल की मंजूरी मिली है। इसे डीसीजीआई की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी ने दिया है। हमें डीसीजीआई के अप्रूवल का इंतजार है। उम्मीद है कि दूसरा और तीसरा फेज जल्द शुरू होगा। ट्रायल में सफलता के बाद लगेगी वैक्सीन इससे लगता है कि बच्चों को वैक्सीन के लिए अभी थोड़ा इंतजार करना होगा। कारण है कि ट्रायल में कामयाबी मिलने के बाद ही सभी बच्चों को वैक्सीन दी जाएगी। बता दें कि अभी देश में दो वैक्सीन लगाई जा रही हैं। इनमें कोवैक्सीन और कोविशील्ड शामिल हैं। इसे 18 साल से ज्यादा उम्र को लगाई जा रही है। क्यों नहीं लग रहा बच्चों को टीका? जानकारों का कहना है कि बच्चों को यह लगाई तो जा सकती है। लेकिन, इसके लिए ट्रायल का होना जरूरी है। अभी ये वैक्सीन बच्चों को केवल इसलिए नहीं लगाई जा रही है क्योंकि क्लीनिकल ट्रायल में बच्चों को शामिल नहीं किया गया था। इसे 16 साल से अधिक उम्र के लोगों पर टेस्ट किया गया है। यही देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 16 साल से कम उम्र के बच्चों को कोरोना वैक्सीन न लगाने की सलाह दी है। तीसरी लहर में बच्चों को खतरा कोरोना की दूसरी लहर ने बच्चों को भी अपनी चपेट में लिया है। लिहाजा, बच्चों के लिए भी वैक्सीन के उपयोग और ट्रायल की जरूरत बढ़ गई है। दूसरी अहम बात यह है कि सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के साथ कई और जानकार दावा कर चुके हैं कि कोरोना की तीसरी लहर आनी ही है। इससे बच्चों को सबसे ज्यादा खतरा होने की आशंका जताई गई है। यह भी एक कारण है कि सरकार पहले से इसके लिए तैयार हो जाना चाहती है। तीसरी लहर के आने तक देश में ज्यादातर वयस्कों को कम से कम कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लग चुकी होगी। इसके चलते वे बच्चों के मुकाबले कोरोना से ज्यादा सुरक्षित होंगे। अमेरिका ने दी है अनुमति अमेरिकी दवा नियामक यूएसएफडीए ने फाइजर और बायोएनटेक की कोविड-19 वैक्सीन 12 से 15 साल के बच्चों पर इस्तेमाल करने की अनुमति दी है। देश में वैक्सीनेशन का दायरा बढ़ाने के लिए यह फैसला किया गया है। फाइजर के क्लीनिकल ट्रायल में एफडीए ने वैक्सीन को बच्चाें के लिए सुरक्षित पाया है।
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