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जबलपुर से चोरी हुए एके-47 राइफल कैसे पहुंचे बिहार के नक्सलियों तक, एनआईए की चार्जशीट में हुआ खुलासा

जबलपुर मध्य प्रदेश में जबलपुर की सेंट्रल ऑर्डिनेंस डिपो से चोरी गए एके-47 राइफल बिहार के नक्सलियों को बेचे गए थे। मामला सामने आने के करीब दो साल बाद एनआईए (नेशनल इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी ने अपनी चार्जशीट में इसका खुलासा किया है। चार्जशीट के मुताबिक राइफल की चोरी कर उन्हें नक्सलियों तक पहुंचाने की साजिश का मास्टरमाइंड ऑर्डिनेंस डिपो का आर्मोरर था। इस मामले में ऑर्डिनेंस डिपो से 70 एके राइफल की चोरी की गई थी । ये सभी रिजेक्ट किए गए राइफल थे। आरोपियों ने इनके पार्ट-पुर्जे चोरी कर लिए और फिर इन्हें असेंबल किया गया था। इसके बाद उन्हें बिहार के मुंगेर जिले में बेचा गया था जहां से ये नक्सलियों के पास पहुंचाए गए। मामले का खुलासा 29 जुलाई, 2018 को हुआ था बिहार में मुंगेर जिले की जमालपुर थाने की पुलिस ने मोहम्मद इमरान आलम और शमशेर को गिरफ्तार किया था। इन दोनों के पास से 5 एके-47 राइफल के अलावा उसके पार्ट-पुर्जे भी पुलिस को मिले थे। इनमें 30 मैगजीन, 7 पिस्टन, 7 स्प्रिंग, 7 बॉडी कववर, 7 रीकॉइल स्प्रिंग, 7 ब्रिज ब्लॉक और अन्य पुर्जे शामिल थे। एनआईए ने दो जून को पटना में स्पेशल जज गुरविंदर सिंह मल्होत्रा की अदालत में 22 एके-47 राइफल की बरामदगी मामले में 14 आरोपियों के खिलाफ चार्ज शीट दाखिल की। एके-47 राइफल को पार्ट्स के रूप में चोरी कर नक्सलियों तक पहुंचाने की साजिश में पूर्व आर्मोरर पुरुषोत्तम लाल रजक के साथ उसके परिवार के लोग भी शामिल थे। डिपो का स्टोर कीपर सुरेश ठाकुर इसे पुरुषोत्तम तक पहुंचाता था। पुरुषोत्तम पार्ट-पुर्जों को असेम्बल कर एके-47 राइफल तैयार करता था और मुंगेर के हथियार तस्करों तक पहुंचाता था। उसे इसके बदले में पैसे मिलते थे। इसके बाद तस्कर राइफल को नक्सलियों को देते थे। 29 जुलाई को जो दो लोग पकड़े गए थे, उन्हें हथियार पुरुषोत्तम और उसकी पत्नी ने दिए थे। उन दोनों के लिए टिकट की व्यवस्था पुरुषोत्तम के बेटे ने की थी। पुरुषोत्तम मध्य प्रदेश के रीवा का रहने वाला है और 2008 में डिपो से रिटायर हुआ था। मुंगेर में पकड़े गए लोगों से पूछताछ के बाद जबलपुर में 4 अगस्त को पुरुषोत्तम और उसकी पत्नी चंद्रवती के साथ बेटा शैलेंद्र और स्टोर कीपर सुरेश ठाकुर को पुलिस ने पकड़ा था। पुरुषोत्तम के पास से पुलिस को एके-47 के पार्ट-पुर्जे भी मिले थे। बाद में इस मामले में 9 आरोपी और बनाए गए थे। ये सभी मुंगेर के थे। इस मामले में एक एफआईआर जबलपुर के गोरखपुर थाना और दो एफआईआर बिहार के जमालपुर में दर्ज हुआ था। 5 अक्टूबर, 2018 को एनआईए ने मामले को अपने हाथों में ले लिया था। मामले में कुल 26 आरोपी थे। इनमें से 22 बिहार झारखंड जबकि बाकी 4 जबलपुर से गिरफ्तार किए गए थे।


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