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प्रियंका गांधी ने कैंसल करवाए CBSE एग्जाम.... कांग्रेस और BJP में छिड़ा महासंग्राम

नई दिल्ली CBSE की 12वीं की परीक्षा रद्द होने के बाद अब इसका श्रेय लेने की होड़ मच गई है। मंगलवार शाम पीएम मोदी के ऐलान के ठीक बाद कांग्रेस ने इसका क्रेडिट पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी को दिया। पार्टी के नेताओं और प्रवक्ताओं ने दावा किया कि कांग्रेस महासचिव का दवाब ही था, जिसके कारण मोदी सरकार को झुकना पड़ा। ट्विटर पर इसको लेकर कांग्रेस और बीजेपी समर्थकों में संग्राम छिड़ा हुआ है। बीजेपी नेता पलटवार करते हुए कांग्रेस नेताओं को छत्तीसगढ़ की याद दिला रहे हैं, जहां उनकी सरकार ने 12वीं की परीक्षाएं शुरू करवा दी हैं। 'प्रियंका ने सरकार को झकझोरा, तब हुआ फैसला'कांग्रेसियों ने प्रियंका गांधी की तारीफों के पुल बांधने में कोई कसर बाकी नहीं रखी। उत्‍तर प्रदेश कांग्रेस सोशल मीडिया की उपाध्‍यक्ष पंखुड़ी पाठक ने इसे 'ईमानदार कोशिश की ताकत' करार दिया। पाठक ने लिखा कि 'प्रियंका गांधी के शिक्षा मंत्री को पत्र लिखने के बाद सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं रद्द कर दी गईं। वह लगातार स्‍टूडेंट्स और पेरेंट्स के संपर्क में रही हैं और उनकी चिंताओं को कई मौकों पर आवाज दी है।' ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी के सचिव प्रणव झा लिखते हैं कि 'प्रियंका गांधी के यह मुद्दा उठाने पर लापरवाह सिस्‍टम जाग उठा।' यूपी कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी प्रियंका को धन्‍यवाद दिया गया। बीजेपी के नेताओं ने भी कांग्रेसियों के दनादन ट्वीट करने पर ताने मारने में देर नहीं की। छत्‍तीसगढ़ का क्या? पूछ रहे लोगप्रियंका गांधी को क्रेडिट मिला तो कुछ लोगों ने छत्‍तीसगढ़ का मसला उछालना शुरू कर दिया। कहा कि प्रियंका के कहने पर अगर पूरे देश में 12वीं की बोर्ड परीक्षााएं रद्द हो सकती हैं तो छत्तीसगढ़ में तो कांग्रेस की ही सरकार है। मध्‍य प्रदश में भाजयुमो के अध्‍यक्ष ने लिखा कि 'कांग्रेस शासित छत्‍तीसगढ़ के आज 12वीं के छात्रों ने पहला पेपर दिया और चमचे सीबीएसई बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने का श्रेय प्रियंका गांधी को दे रहे हैं।' पीएम मोदी की बैठक में हुआ था फैसलामंगलवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने का फैसला हुआ। सीबीएसई के साथ ही आईसीएसई ने भी 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं कैंसिल कर दी हैं। पीएम ने एक ट्वीट में कहा 'सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा पर फैसला छात्रों के हित में लिया गया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 ने एकेडमिक कैलेंडर को प्रभावित किया है और बोर्ड परीक्षाओं का मुद्दा छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों में अत्यधिक चिंता पैदा कर रहा है, जिसे समाप्त किया जाना चाहिए।'


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