एमपी में आदेश के बाद भी नहीं खुले प्राइवेट स्कूल, सरकारी स्कूलों में दो दिन में 15 फीसदी अटेंडेंस
भोपाल एमपी में 11वीं और 12वीं के बच्चों के लिए स्कूल (School Reopen News) खुल गए हैं। 26 जुलाई से सरकार ने शर्तों के साथ स्कूल खोलने के आदेश दिए थे। स्कूल की तरफ से भी पूरी तैयारी की गई थी। दो दिन स्कूल खुले हुए हो गए हैं, लेकिन छात्र अभी भी पूरी संख्या में नहीं आ रहे हैं। 10 से 15 फीसदी बच्चे ही स्कूल आ रहे हैं। सीबीएसई और आईसीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूल अभी भी बंद ही हैं। जबकि प्राइवेट स्कूल संचालक सरकार पर दबाव बना रहे थे कि 11वीं और 12वीं की कक्षाएं शुरू की जाएं या फिर हर छात्र सप्ताह में तीन दिन क्लास करने आए। वहीं, जिला प्रशासन स्कूल के दिनों को बढ़ाने के निर्णय से पहले कुछ समय इंतजार करने के लिए कहा रहा है। उसके बाद निर्णय लिया जाएगा। अभी तक, कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्र सप्ताह में एक दिन स्कूल आ रहे हैं क्योंकि स्कूलों में 50 फीसदी छात्रों की उपस्थिति की अनुमति है। हर कक्षा सप्ताह में दो दिन चल रही है। सीबीएसई प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के सचिव बाबू थॉमस ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा कि हम चाते हैं कि दो कक्षाओं के प्रत्येक छात्र को सप्ताह में कम से कम तीन दिन स्कूल आना चाहिए और 50 फीसदी की सीम को हटाया जा सकता है क्योंकि स्कूलों में जगह की कोई कमी नहीं है और केवल 11वीं और12वीं के छात्र आ रहे हैं। वहीं, भोपाल कलेक्टर अविनाश लावनिया से पूछा गया कि निजी स्कूल अभी भी क्यों बंद हैं, तो उन्होंने कहा कि हमने उन्हें स्कूल खोलने की अनुमति दी है, अगर वे नहीं खोल रहे हैं, तो यह उनका निर्णय है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वे नियमित कक्षाओं की मांग कर रहे हैं। हम उन्हें कह रहे हैं कि कोविड के मामले कम हो रहे हैं और यदि स्थिति सामान रहती है, तो समय के साथ नियिमत कक्षाओं की अनुमति दी जा सकती है। मंगलवार को निजी स्कूल के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने वाले कलेक्टर अविनाश लावनिया ने कहा कि अगले दो दिनों में निजी स्कूलों में 11वीं और 12वीं की कक्षाएं शुरू होने की संभावना है। जिला प्रशासन और निजी स्कूल प्रबंधन दोनों को पांच अगस्त का इंतजार है, जब नवीं और दसवीं की कक्षाएं भी शुरू होंगी और तब स्थिति बदल सकती है। इसके साथ ही कलेक्टर के साथ स्कूल प्रतिनिधियों की दूसरे प्रमुख मुद्दों पर भी चर्चा हुई है। इसमें बच्चों का स्कूल फीस माफ करना है, जिन्होंने परिवार के मुखिया को संक्रमण काल में खो दिया है। एमपी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त निजी स्कूल जिला प्रशासन के सुझाव से सहमत हो गए हैं। वहीं, सीबीएसई स्कूल भी बुधवार को अपनी एसोसिएशन की बैठक में इस प्रस्ताव की पुष्टि कर सकते हैं।
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