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कल्याण सिंह का हाल जानने लखनऊ पहुंचे राजनाथ, लालजी टंडन की प्रतिमा का अनावरण

लखनऊ उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का स्वास्थ्य इन दिनों ठीक नहीं है। जिनका इलाज लखनऊ के संजय गांधी परास्नातक आयुर्विज्ञान संस्थान में चल रहा है। उन्हें देखने के लिए अस्पताल में बड़े-बड़े नेता आ रहे हैं। दो दिन पहले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने अस्पताल पहुंचकर कल्याण सिंह (Kalyan Singh) की तबीयत का हालचाल जाना था। बुधवार को देश के (Rajnath Singh) ने अस्तपताल पहुंचकर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर कल्याण सिंह बुधवार सुबह पीजीआई की ओर से बताया गया कि कल्याण सिंह की हालत एक बार फिर से बिगड़ने लगी है। जिसके चलते उन्हें नॉन इनवेसिव वेंटिलेशन (एनआईवी) सपोर्ट पर इलाज देने के साथ दर्जनों विशेषज्ञों की निगरानी में रखा गया है। पीजीआई के निदेशक आरके धीमान ने बताया कि बीते शनिवार को शाम के समय पूर्व सीएम कल्याण सिंह को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। जिसके बाद सीनियर डॉक्टर्स की ओर से ऑक्सिजन थेरेपी शुरू की गई। 12.5 फीट की प्रतिमा का हुआ अनावरण महज 28 दिनों में बनाकर तैयार की गई स्व. लालजी टंडन (बाबूजी) की प्रतिमा का उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर बुधवार को अनावरण हुआ। इस दौरान लखनऊ से सांसद और देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डॉ. दिनेश शर्मा आदि मौजूद रहे। बता दें कि ये 12.5 फीट की कास्य की प्रतिमा है। अटल चौक के नज़दीक मल्टी लेवल पार्किंग के निकट इस प्रतिमा को स्थापित किया गया है। लखनऊ की इनसाइक्लोपीडिया थे लालजी टंडन प्रतिमा का अनावरण करने के बाद अपने संबोधन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लालजी टंडन से जुड़े कई दिलचस्प किस्से साझा किए। उन्होंने कहा कि धोती-कुर्ता पहने एक जिंदा दिल इंसान, जिसके चेहरे पर हमेशा मुस्कान रही, यही है लालजी टंडन की पहचान। बाबूजी लखनऊ की चाट के शौक़ीन थे। वो लखनऊ की इनसाइक्लोपीडिया थे। उनके पास लखनऊ से जुड़ी हर एक जानकारी रहती थी। वो भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी स्मृतियां हमारे बीच हमेशा जीवित रहेंगीं। हर कोई टंडन जी की करता था प्रशंसा वहीं अनावरण कार्यक्रम में मौजूद सूबे के मुखिया योगी अदियानाथ ने अपने संबोधन में कहा कि लालजी टंडन का प्रसंशक हर कोई था और रहेगा। उन्होंने कहा कि वे हर वर्ग के लोगों से बिना किसी भेदभाव के मिलते थे और उनकी समस्याओं का निस्तारण करने के लिए तत्पर रहते थे।


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