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सुनिए सरकार! ये झूठ नहीं बोल रहे, ऑक्सिजन न मिलने से इन सभी ने अपनों को खोया

शहडोल केंद्र सरकार ने राज्यसभा में बताया है कि कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सिजन (No Death Due To Lack Of Oxygen) की कमी से मौत का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन शहडोल मेडिकल कॉलेज में भर्ती 16 कोरोनावायरस से पीड़ित मरीजों की ऑक्सिजन की कमी के चलते 18 अप्रैल की सुबह मौत हो गई थी। केंद्र के दावे के बाद मृतक लोगों के परिजन सामने आए हैं और बताया है कि कैसे ऑक्सिजन की कमी के कारण अपनों ने दम तोड़ा है। एमपी में कोरोना की दूसरी लहर अब खत्म होने की कगार पर है। केंद्र की तरह एमपी में भी मंत्री कह रहे हैं कि प्रदेश में ऑक्सिजन की कमी के कारण कोई मौत नहीं हुई है। सरकारी दावों के बीच दो महीने बाद फिर से मृतक के परिजनों का दर्द फिर से छलक आया है। उस पल को याद कर लोग आज भी सहम जाते हैं। लोगों ने ऑक्सिजन के लिए तड़पते हुए अपनों को देखा था। मध्यप्रदेश के शहडोल मेडिकल कॉलेज में भी 18 अप्रैल की सुबह कुछ ऐसी तस्वीरें देखने को मिली थी, जो अब तक लोगों ने नहीं भूली है। ऑक्सिजन की कमी से भाई की मौत शहडोल के ग्राम पटासी के 27 वर्षीय राजकुमार जायसवाल जो कि पेशे से ड्राइवर थे। राजकुमार का विवाह 11 दिसंबर 2020 को हुआ था। कोरोनावायरस से पीड़ित होने के बाद शहडोल के मेडिकल कॉलेज में 4 अप्रैल को भर्ती हुए थे। राजकुमार जायसवाल का भाई रामकुमार भी कोरोनावायरस से पीड़ित था, लेकिन मेडिकल कॉलेज में अपने भाई की देखभाल कर रहा था। उसका कहना है कि रात को वह अपने भाई को खाना खिला कर आया और सुबह जब हल्ला होने लगा तो उसे पता लगा कि ऑक्सिजन की कमी से कुछ लोगों की मौत हो गई है। मैं वहां पहुंचा तो पता लगा मेरे भाई की भी ऑक्सिजनकी कमी से मौत हो गई है। राजकुमार की मां कृष्णा जयसवाल ने कहा कि 17 तारीख की रात को मोबाइल पर मैंने अपने बेटे से बात की थी। उसका कहना था कि मुझे अब ठीक लगने लगा है। कल मेरी छुट्टी हो जाएगी लेकिन सुबह उसकी मौत की खबर आई। वहीं, शहडोल के धनपुरी नगरपालिका क्षेत्र के 28 वर्षीय पवन केवलानी जो कि एजेंसी लाइन में होलसेल का काम करते थे। 14 अप्रैल को तबीयत बिगड़ने पर मेडिकल कॉलेज शहडोल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा था। 18 अप्रैल की सुबह ऑक्सिजन की कमी के चलते उसकी भी मौत हो गई। पवन केवलानी के भाई प्रेम केवलानी का कहना है कि 17 तारीख की रात को मैं अपने भाई से मिलकर आया था, तब वह ठीक था, लेकिन 18 की सुबह उसकी मौत हो गई। प्रेम ने कहा कि मेडिकल कॉलेज के डीन ने भी बताया था कि ऑक्सिजन की कमी की वजह से मरीजों की मौत हुई है। शहडोल मेडिकल कॉलेज में ऑक्सिजन की कमी लिक्विड मेडिकल ऑक्सिजन टैंक में हुई थी। टैंक की क्षमता 10000 लीटर की है, ऑक्सिजन टैंकर न आने की वजह से टैंक में ऑक्सिजन की कमी से प्रेशर कम हो गया था। सामान्य ऑक्सिजन सिलेंडर से ऑक्सिजन गैस की पूर्ति की जा रही थी। मेडिकल कॉलेज के डीन मिलिंद श्रीअलकर ने भी जब मेडिकल कॉलेज में मरीजों की मौत हुई थी तो मीडिया को बताया था कि ऑक्सिजन के टैंकर न आने की वजह से ऑक्सिजन की कमी हो गई है।


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