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अब दिल्ली पर निगाहें, शहीद दिवस पर दीदी की हुंकार- बीजेपी को सत्‍ता से उखाड़ फेंकने तक 'खेला होबे'

नई दिल्‍ली बंगाल की मुख्‍यमंत्री ने बेहद आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है। वह '' का नारा राष्ट्रीय स्‍तर पर लेकर पहुंच गई हैं। उन्‍होंने ऐलान किया है कि अब सभी राज्‍यों में 'खेला होबे'। यह तब तक जारी रहेगा जब तक देश से बीजेपी खत्‍म नहीं हो जाती है। ममता ने केंद्र में बीजेपी को हराने के लिए राष्ट्रीय मोर्चा बनाने का आह्वान किया है। इसी के साथ ममता बनर्जी ने बुधवार को 2024 के लोकसभा चुनाव का बिगुल बजा दिया है। अपने समर्थकों को उन्‍होंने शहीद दिवस पर ऑनलाइन संबोधित किया। इस दौरान न केवल भगवा पार्टी के खिलाफ चौतरफा हमला किया, बल्कि यह भी संकेत दिया कि तृणमूल राष्ट्रीय राजनीति में एक अहम भूमिका निभाने के लिए तैयार है। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपने संकीर्ण स्वार्थों को भूल एक मंच पर जुटने की अपील की। कोलकाता में 1993 में युवा कांग्रेस रैली में 13 लोगों की मौत हुई थी। इसकी याद में तृणमूल कांग्रेस (TMC) हर साल 21 जुलाई को शहीद दिवस मनाती है। हाल के विधानसभा चुनावों में शानदार जीत के बाद तृणमूल ने बुधवार को बनर्जी के भाषण को देशभर में विभिन्न भाषाओं में प्रसारित किया। बीजेपी से लड़ने के लिए एकजुट होने की जरूरत देश के वरिष्ठ विपक्षी नेताओं से बात करते हुए बनर्जी ने कहा, ‘हमें एक मोर्चा बनाने और एक सामान्य कारण के लिए लड़ने की जरूरत है। ऐसे में कृपया जाएं और अपने नेताओं को मनाएं ताकि हम अपने संकीर्ण स्वार्थों और मतभेदों को छोड़ एक साथ आ सकें। एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ लड़ें, तभी हम इस देश को बचा सकते हैं।’ सीएम ने चेतावनी दी कि अगर अन्य बातों पर और समय बर्बाद किया गया तो बहुत देर हो जाएगी। ममता बोलीं, ‘हमारा एक ही हित है। देश और उसके लोगों को बचाना। देश के हित संघीय ढांचे और अन्य राज्यों को बचाना है तो जाओ और अपने नेताओं को मनाओ ताकि हम अभी से मोर्चे पर काम शुरू कर सकें।’ दिल्‍ली जाएंगी ममता ममता ने साफ किया कि वह प्रस्तावित मोर्चे पर एक आम कार्यकर्ता के रूप में काम करना चाहेंगी। उन्‍होंने बताया कि वह 27 जुलाई को दिल्ली जाएंगी। वहां तीन दिनों तक रहेंगी। इसका मकसद एक बैठक आयोजित करना है। इससे अलग-अलग विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बातचीत शुरू की जा सकेगी। उन्होंने कहा, ‘मैं हमेशा संसद सत्र के दौरान दिल्ली जाती हूं ताकि नेताओं से मिल सकूं। इस बार मुझे कुछ वरिष्ठ नेताओं से मिलने की उम्मीद है।’ बनर्जी शरद पवार, पी. चिदंबरम, जया बच्चन, सुप्रिया सुले, दिग्विजय सिंह, राम गोपाल जादव जैसे वरिष्ठ नेताओं और डीएमके, टीआरएस, आप, राजद और अकाली दल के प्रतिनिधियों का जिक्र कर रही थीं, जो बनर्जी की बात सुनने के लिए नई दिल्ली में कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में मौजूद थे। न केवल दिल्ली, बल्कि तमिलनाडु, पंजाब, त्रिपुरा और चुनाव वाले गुजरात और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में मुख्यमंत्री के भाषण का प्रसारण किया गया। 16 अगस्‍त को 'खेला दिवस' मनाने की अपील ममता ने बंगाल में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों के दौरान लोगों की जुबान पर चढ़े लोकप्रिय ‘खेला होबे’ (खेल होगा) के नारे को मजबूत किया। उन्‍होंने कहा, ‘जब तक भाजपा को हटा नहीं दिया जाता तब तक सभी राज्यों में खेला जाएगा। हम 16 अगस्त को ‘खेला दिवस’ मनाएंगे। हम गरीब बच्चों को फुटबॉल देंगे।’ पेगासस स्पाईवेयर विवाद के विरोध में बनर्जी ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र की भाजपा सरकार पर तीखा हमला किया। आरोप लगाया कि भगवा पार्टी मुड़ना चाहती है। भारत को एक लोकतांत्रिक देश रखने के बजाय एक निगरानी राज्य में बदल दिया। बनर्जी ने कहा, ‘मैं किसी से बात नहीं कर सकती। आप जासूसी के लिए बहुत अधिक पैसे दे रहे हैं। मैंने अपना फोन प्लास्टर कर दिया है। हमें केंद्र को भी प्लास्टर करना चाहिए वरना देश तबाह हो जाएगा। भाजपा ने देश के संघीय ढांचे को ध्वस्त कर दिया है। केंद्र की ओर से पेट्रोल-डीजल पर टैक्‍स के माध्यम से जुटाया गया धन जासूसी पर खर्च किया जा रहा है।’ देश में चल रही है स्‍पाईगिरी ममता ने कहा, ‘पेगासस खतरनाक और क्रूर है। कभी-कभी मैं किसी से बात नहीं कर सकती। मैं दिल्ली या ओडिशा के मुख्यमंत्रियों से भी बात नहीं कर सकती।’ बनर्जी ने कहा, ‘स्पाईगिरी चल रही है और भाजपा ने हमारे संघीय ढांचे को ध्वस्त कर दिया है। मंत्रियों और न्यायाधीशों के फोन टैप किए जा रहे हैं। उन्होंने देश के लोकतांत्रिक ढांचे को खत्म कर दिया है। पेगासस ने चुनाव प्रक्रिया, न्यायपालिका, मंत्रियों और मीडिया घरानों की जासूसी की।’ कोरोना पर सरकार को घेरा देश में कोरोना से चार लाख मौतों के लिए सीएम ने भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्‍होंने कहा कि महामारी की दूसरी लहर मोदी सरकार की बड़ी विफलता को दिखाती है। ‘जब देश टीकों, दवाओं और ऑक्सि‍जन की कमी से जूझ रहा था, तब वे (नरेंद्र मोदी और अमित शाह) चुनाव के दौरान रोजाना यात्रियों के रूप में बंगाल आ रहे थे। उन्होंने अपनी सारी शक्तियों - धन, बाहुबल, माफिया और एजेंसियों का उपयोग किया था, लेकिन इस राज्य के लोगों ने उन्हें एहसास दिलाया है कि वे बंगाल नहीं जीत सकते। मैं अपने भाइयों और बहनों, अपने सभी बूथ कार्यकर्ताओं और उन सभी का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने इस काम में हमारा साथ दिया।'


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