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माधवराव सिंधिया ने क्रिकेट के मैदान पर अहमद पटेल को लगाई थी डांट- मुझे बैटिंग क्यों नहीं करने दे रहे, मैं केवल दौड़ने के लिए आया हूं क्या!


भोपाल
खूबसूरत शख्सियत और बेइंतहा संपत्ति के वारिस () के व्यक्तित्व के कई पहलू थे- महाराजा, जनप्रतिनिधि, केंद्र में मंत्री और क्रिकेट प्रशासक। माधवराव () यदि राजनीति में नहीं होते तो शायद क्रिकेटर बनते क्योंकि बचपन से ही उनकी इसमें काफी रुचि थी। इसमें बड़ी भूमिका उनके शिक्षक शरीफ अहमद की थी। शरीफ की मदद से माधवराव ने महल की एक क्रिकेट टीम भी बनाई थी। क्रिकेट को लेकर माधवराव () के कई किस्से भी मशहूर हैं। एक किस्सा 1980 के दशक की शुरुआत का है जब उन्होंने क्रिकेट के मैदान पर ही दिवंगत को जोरदार झिड़की () लगाई थी और पटेल आउट होकर पवेलियन लौट गए थे।
  सांसदों के बीच क्रिकेट मैच का वाकया 
1980-81 की सर्दियों में सांसदों के बीच एक क्रिकेट मैच खेला जा रहा था। अहमद पटेल () बैटिंग कर रहे थे और ताबड़तोड़ चौके-छक्के लगा रहे थे। माधवराव दूसरे छोड़ पर खड़े थे। पटेल ऐसी बैटिंग कर रहे थे कि उन्हें स्ट्राइकिंग छोड़ पर जाने का मौका ही नहीं मिल रहा था। पटेल जब अपनी सेंचुरी के करीब पहुंच रहे थे तो माधवराव का धैर्य जवाब दे गया। 
आप कर चुके, अब दूसरों को बैटिंग करने दें 
वे दौड़ कर अहमद पटेल के पास पहुंचे और कहा कि आप मुझे बैटिंग क्यों नहीं दे रहे। मैं केवल दौड़ने के लिए आया हूं क्या। इतना ही नहीं, उन्होंने पटेल से सख्त लहजे में कहा कि आप काफी बल्लेबाजी कर चुके हैं, अब दूसरों को करने दें। 
जानबूझ कर आउट हो गए अहमद पटेल
माधवराव की झिड़की से पटेल इतने घबरा गए कि जानबूझ कर आउट हो गए। पवेलियन लौटने के बाद उनसे किसी ने पूछा कि आप आउट क्यों हो गए। पटेल ने जवाब दिया कि और क्या करता। सिंधिया गुस्सा हो रहे थे। वे कांग्रेस के बड़े नेता हैं और मैं अदना सा सांसद।
  पीएम पद तक नहीं पहुंच पाए
सरदार वल्लभभाई पटेल और प्रणब मुखर्जी- ये दो ऐसे नेता हैं जो शायद देश के प्रधानमंत्री बनने के योग्य थे, लेकिन कभी इस कुर्सी तक पहुंच नहीं पाए। इसी कैटेगरी में शायद माधवराज सिंधिया (Madhavrao Scindia) का भी नाम है। राजीव गांधी की मौत के बाद माधवराव पीएम पद के प्रबल दावेदार के रूप में उभरे थे, लेकिन तब नरसिम्हा राव बाजी मार ले गए थे।
  किस्मत ने नहीं दिया साथ
सिंधिया का दुर्भाग्य भी उनके प्रधानमंत्री नहीं बनने का एक बड़ा कारण था। साल 2001 में एक विमान दुर्घटना में उनकी मौत हो गई थी। 2004 में जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनी और मनमोहन सिंह पीएम बने, तब पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने कहा था कि माधवराव सिंधिया होते तो वे ही प्रधानमंत्री बनते।


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