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Corona Vaccination in MP: मप्र में रिकार्ड टीकाकरण पर बगैर टीका लगवाए संदेशों का दाग, जिम्‍मेदार तकनीकी त्रुटि बताकर पल्‍ला झाड़ रहे

 

Corona Vaccination in MP: मप्र में रिकार्ड टीकाकरण पर बगैर टीका लगवाए संदेशों का दाग, जिम्‍मेदार तकनीकी त्रुटि बताकर पल्‍ला झाड़ रहे

Corona Vaccination in MP:  कोरोना से बचाव का टीका लगाने के लिए महाअभियान में मध्य प्रदेश लगातार रिकार्ड बना रहा है, लेकिन टीकाकरण में गड़बड़ी की शिकायतें भी आ रही हैं, जो इतने बड़े अभियान को पलीता लगा रही हैं। कुछ ऐसे लोगों के पास टीका लगाए जाने के संदेश पहुंच रहे हैं, जिन्होंने टीका लगवाया ही नहीं । 21 से 30 जून तक टीकाकरण महाअभियान के दौरान इस तरह के संदेश आने शुरू हुए थे। उसके बाद से लगातार ऐसे मैसेज आ रहे हैं। ताजा मामला आगर-मालवा का है। यहां चार महीने पहले कोरोना के चलते मृत विद्या शर्मा को टीका लगाने का मैसेज उनके बेटे के पास पहुंच गया। मैसेज में उन्हें 17 सितंबर को टीका लगाने की बात कही गई, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर प्रदेश भर में टीकाकरण महाअभियान चलाया गया था।

मेरे मोबाइल पर संदेश आया कि मेरी पत्नी रेखा शर्मा को कोविशील्ड टीका की पहली डोज लगा दी गई हैं। मैं जब हकीकत में टीका लगवाने के लिए पहुंचा तो टीकाकरण केन्द्र में बताया गया कि आपको पहले ही टीका लगाया जा चुका है। ऐसे में उन्हें आज तक टीका नहीं लग पाया। उधर, दूसरा डोज लगाने का संदेश भी आ चुका है। मैंने हेल्पलाइन नंबर 1075 पर भी शिकायत की, पर कोई हल नहीं निकला।

केस-2

मेरे पास 14 अगस्त को मैसेज आया था। इसमें पन्ना के महेन्द्र पटेल को टीका लगाने की बात लिखी थी, जिन्हें मैं जानता तक नहीं हूं। कोविन पोर्टल पर मेरे मोबाइल नंबर के साथ उस व्यक्ति का नाम और सर्टिफिकेट भी दिख रहा है। मैंने उसके पहले ही टीका लगवाया था, उसका भी मैसेज मेरे पास है।

गंभीरता से नहीं ले रहे मंत्री और अफसर

आगर-मालवा में मृत व्‍यक्‍ति के नाम से टीका लगने मैसेज आने के बारे में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि तकनीकी त्रुटि हुई होगी। इतनी बड़ी संख्या में टीकाकरण हो रहा है तो कई बार गलती भी हो जाती है। उन्होंने कहा कि आगर-मालवा में इस तरह के मैसेज आने के मामले में जांच की जा रही है। भोपाल में बच्चों को टीका लगने के मैसेज आए थे, उसमें भी कलेक्टर ने जांच कर बताया था कि तकनीकी त्रुटि की वजह से ऐसा हो गया है। उधर, राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. संतोष शुक्ला कहते हैं कि यह तो आइटी का मामला है। वही बता सकते हैं कि इस तरह के मैसेज कैसे आ रहे हैं।

बिना ओटीपी तैयार किए जा रहे सर्टिफिकेट

दूसरे व्यक्ति के नाम का मैसेज किसी अन्‍य के पास पहुंचने की बड़ी वजह यह भी है कि कंप्यूटर ऑपरेटर जल्दी के फेर में बिना ओटीपी के ही टीका लगाने का सर्टिफिकेट पोर्टल पर तैयार कर देते हैं। इस कारण यह पुष्टि नहीं हो पाती कि मोबाइल नंबर सही है या नहीं। एक नंबर भी गलत होने पर दूसरे के पास मैसेज पहुंच जाता है।

टीकाकरण की स्‍थिति

18 साल से ऊपर के लोग जिन्हें टीका लगाया जाना है-- 5 करोड़ 48 लाख 90 हजार

अभी तक लगी पहली डोज--4 करोड़ 63 लाख

अभी तक लगी दूसरी डोज --1 करोड़ 35 लाख

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