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Murder Case Indore: हत्यारों के खून से सने कपड़े-जूते और चाकू लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची पुलिस

इंदौर,  Murder Case Indore। शहर के चर्चित तिहरे हत्याकांड में तीन दिन से सुप्रीम कोर्ट में बहस चल रही है। हत्यारी नेहा वर्मा, राहुल चौधरी उर्फ गोविंदा और मनोज अटोद ने फांसी के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में अपील की है। कोर्ट ने हाईकोर्ट, जिला कोर्ट के फैसले के साथ आरोपितों से जब्त खून से सने कपड़े, चाकू, जूते और लूटे जेवर लेकर अधिकारियों को बुलाया है। एएसपी राजेश रघुवंशी, अमरेंद्रसिंह, निरीक्षक वायआर गायकवाड़, दीपिका शिंदे सहित कई अफसर सुप्रीम कोर्ट गए हैं।

सेठी नगर (उज्जैन) निवासी 23 वर्षीय अश्लेषा देशपांडे, मां मेघा देशपांडे और नानी रोहिणी फड़के की जून 2011 में आरोपित नेहा वर्मा ने प्रेमी राहुल और दोस्त मनोज के साथ मिलकर इंदौर के श्रीनगर (मेन) में चाकू मारकर हत्या कर दी थी। तत्कालीन आइजी संजय राणा ने जघन्य हत्याकांड की जांच के लिए एसआइटी गठित की थी। जिला कोर्ट ने तीनों आरोपितों को फांसी की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने विवेचकों की तारीफ की और 40 पन्नों का फैसला लिखा।

आरोपितों फैसले के विरुद्ध हाईकोर्ट पहुंचे लेकिन हाई कोर्ट ने 27 पन्नों के फैसले में फांसी की सजा को यथावत रखा। वर्ष 2015 में तीनों आरोपितों ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की लेकिन नंबर न आने से सुनवाई नहीं हो पाई। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए 21, 22 व 23 सितंबर की तारीख तय की और मूद्देमाल (चाकू, खून से सने कपड़े, जब्त जेवर, जूते) सहित बुलाया। 

एएसपी (पूर्वी-2) राजेश रघुवंशी, तत्कालीन सीएसपी अमरेंद्रसिंह (अब उज्जैन एएसपी) तत्कालीन एसआइ दीपिका शिंदे (अब निरीक्षक) और तत्कालीन एसआइ वायआर गायकवाड़ (अब निरीक्षक) व अन्य पुलिसकर्मियों के साथ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। जस्टिस यूयू ललित, बेला एम. त्रिवेदी और रविंद्र भट्ट की कोर्ट में तीन दिन तक बहस चली। पुलिस ने क्राइम सीन बताया और आरोपितों से जब्त सामान की तस्दीक भी करवाई। बहस अभी जारी है। कोर्ट मामले में अब 28 सितंबर को सुनवाई करेगी।

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