Gwalior excuses for not getting vaccinated: कोई सुप्रीम कोर्ट का हवाला देकर बच रहा तो कोई भूतबाधा का बना रहा बहाना

-पहला डोज का टारगेट पूरा करने में अभी भी मुश्किलें और सेकंड डोज चुनौती
-मोबाइल पर फोन करके बुला रहे लोग, नहीं आ रहे|
ज्ञात रहे कि जिले में टीकाकरण का पहला डोज पूरा करने को लेकर स्वास्थ्य अमले से लेकर प्रशासन टेंशन में हैं। यह टेंशन इसलिए है क्योंकि अब बचे लोग बुलाने पर भी टीका नहीं लगवाने आ रहे हैं। शासकीय केंद्रों पर टीकाकरण के साथ साथ संस्थाओं के टीकाकरण में भी यही परेशानी है। रोज बडे बडे आंकडे लक्ष्य के रखे जाते हैं लेकिन लक्ष्य पूरा नहीं होता है। अभी भी प्रस्तावित लक्ष्य के अनुसार ग्वालियर में डेढ लाख से ज्यादा पहला डोज बचा है। वहीं सेकंड डोज अभी तक छह लाख पर भी नहीं पहुंचा है। पहले डोज का लक्ष्य 16 लाख 28 हजार है।
टीकाकरण: ऐसे बचने के बहाने
ग्वालियर सिटी सब डिवीजन: यहां दो लाख 95 हजार का लक्ष्य है जो कि मौजूद लोगों के अनुसार पूरा हो चुका है। करीब 22 हजार लोग बाहर हैं और इनमें तीन हजार ऐसे हैं जो गंभीर बीमारियों से पीडित हैं। सेकंड डोज करीब 35 प्रतिशत लगा है। कुछ लोग जो यहां है और टीका लगवा सकते हैं कोई भूतबाधा का बहाना बता रहा है तो कोई अस्वस्थ्य न होने पर अस्वस्थ बता रहा है।
लश्कर सब डिवीजन: लश्कर सब डिवीजन में पहले डोज का लक्ष्य पूरा कर लिया गया है। यह दो लाख 29 हजार है। 1122 लोग रह गए हैं जिनमें 22 लोगों का परिवार ऐसा है जो कि टीका लगवाने को तैयार नहीं है। इस परिवार को जब प्रशासन ने टीका लगवाने की अपील की तो इनका कहना था सुप्रीम कोर्ट का नियम है टीके के लिए किसी को बाध्य नहीं किया जा सकता है।
झांसी रोड सब डिवीजन: पहला डोज यहां भी पूरा कर लिया गया है और चार से पांच सौ लोग ऐसे हैं जो बीमार या गर्भवती कैटेगरी में हैं। मौजूदा लोगों में अब टीके के लिए कोई नहीं बचा है।