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Jabalpur News: रादुविवि में शिक्षक, भवन, लैब के बगैर शुरू हो गया कृषि पाठ्यक्रम



जबलपुर, ला स्टूडेंट एसोसिएशन मध्य प्रदेश ने रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के क़ृषि पाठ्यक्रम शुरू करने के निर्णय पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि बिना शिक्षक, भवन, लाइब्रेरी और लैब तैयार किए ही कोर्स प्रारंभ किया जा रहा है। ये कैसे संभव है। बीएससी स्नातक कृषि पाठ्यक्रम के लिए प्रवेश हेतु आवेदन भी विद्यार्थियों से आमंत्रित कर लिया गया है। ला एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल ने विश्वविद्यालय के कुलपति सहित उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को भेजे गए पत्र में विरोध जाहिर किया है।


इन नियम का पालन नहीं : विशाल बघेल ने कहा कि कृषि पाठ्यक्रम प्रारंभ करने से पूर्व भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की गाइडलाइन का पालन अनिवार्य है। इसके तहत बीएससी कृषि स्नातक के लिए विभिन्न विभागों के अंतर्गत लगभग 151 शिक्षण स्टाफ होना आवश्यक है। इसके अलावा 30 हेक्टेयर भूमि, 470 विभिन्न मशीनरी तथा 20 अलग अलग विभाग सहित 11 विभागों की कुल 21 प्रयोगशाला होना जरूरी है। एसोसिएशन ने हैरानी जाहिर की कि विश्वविद्यालय द्वारा उपरोक्त आर्हता पूरी किए बगैर कैसे सीधे बीएससी (कृषि) स्नातक पाठ्यक्रम में छात्रों का प्रवेश ले रहा है।



नही ली गई है मान्यता : भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से मान्यता प्राप्त संस्थानों की अद्यतन सूची 2021 में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय नाम दर्ज नहीं है इससे स्पष्ट है कि विश्वविद्यालय द्वारा किसी भी वैधानिक प्रक्रिया को पूर्ण किए बिना अवैधानिक तरीके से कोर्स का संचालन किया गया है।


निरस्त नहीं किया विज्ञापन तो कोर्ट जाएंगे : ला स्टूडेंट संगठन ने विश्वविद्यालय तथा उच्च शिक्षा विभाग को चेतावनी दी है कि तत्काल प्रभाव से उक्त प्रवेश विज्ञापन को निरस्त नहीं किया गया तो वे इसके खिलाफ कोर्ट की शरण में जाएंगे। बिना निर्धारित आर्हता को पूरा किए बगैर कोर्स का संचालन विद्यार्थियों के साथ धोखा है।

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