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Workshop in Indore: शुरुआती स्तर पर जांच से स्तन कैंसर की गंभीरता पर पा सकते हैं नियंत्रण



Workshop in Indore:  शुरुआती स्तर में कैंसर की पहचान करने के लिए 40 वर्ष से अधिक की महिला को हर वर्ष मेमोग्राफी करवाना चाहिए, ताकि स्तन में गठान से होने से पहले ही शुरुआत अवस्था में छोटी सुई के माध्यम होने वाली जांच से मरीज में कैंसर का पता लगाया जा सकता है। अब छोटे आपरेशन के माध्यम से स्तन को बचाया जा सकता है। इस बीमार से ठीक होकर मरीज लंबी आयु तक जी सकते हैं। सोमवार को अरबिंदो कालेज के नर्सिंग कालेज में स्तन कैंसर के बचाव व शुरुआती लक्षणों को पहचान पर हुई आयोजित हुई कार्यशाला में रेडियोथेरेपी व कीमोथेरेपी विशेषज्ञ डा. वीरेन्द्र भंडारी ने कहे।

इस कार्यक्रम में कैंसर फिजिशियन डा. प्रकाश चितलकर ने बताया कि विश्व प्रतिवर्ष करीब 22 लाख स्तन कैंसर के रोगी मिलते है। हर वर्ष इस बीमारी के कारण विश्व में 17 लाख लोगों की मौत होती है। अन्य देशों के मुकाबले भारत में स्तन कैंसर के मरीज अंतिम अवस्था में ज्यादा आते है। इस वजह से उनके ठीक होने की उम्मीद कम होती है।

कार्यक्रम में जिला अस्पताल के पूर्व चीफ मेडिकल आफिसर डा. दिलीप आचार्य ने बताया कि महिलाएं खुद ही अपने स्तन की जांच करके छोटी गठान को पहचान सकती है। इन्होंने बताया कि तंबाकू के सेवन, मोटापा और शरीर में हार्मोनल असंतुलन के कारण स्तन कैंसर ज्यादा होता है। कई लोगों में यह बीमारी वंशानुगत भी होती है। इस कार्यशाला में नर्सिंग के कालेज की छात्राएं व चिकित्सक शामिल हुए। इस मौके पर नर्सिंग कालेज की प्राचार्य चिंतामंणी चौहान व मेडिकल व सर्जिकल नर्सिंग विभाग की एचाओडी ममता राठौर उपस्थित थी।



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