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किसान आंदोलन के एक साल पूरा होने पर दिल्ली कूच, पुलिस ने शाम में लगाए बैरिकेड

नई दिल्ली 26 नवंबर को किसान आंदोलन का एक साल पूरा हो जाएगा और शुक्रवार इस मौके पर दिल्ली की सीमाओं पर किसान एकजुट होंगे। हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी यूपी से किसान दिल्ली बॉर्डर पर जुटने लगे हैं। वहीं इसको देखते हुए दिल्ली पुलिस की ओर से गाजीपुर बॉर्डर पर दोबारा से बैरिकेडिंग की गई है और जवानों की तैनाती भी बढ़ा दी गई है। सरकार की ओर से तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद किसान एमएसपी पर गारंटी चाहते हैं। नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले एक साल से आंदोलन कर रहे किसानों ने साफ कर दिया है कि अभी वे बॉर्डर से हटने वाले नहीं हैं। उन्होंने साफ कर दिया है कि 29 नवंबर से शुरू होने जा रहे संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान वे अपने पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार ही विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे। किसान नेता राकेश टिकैत ने गुरुवार कहा कि हम पीएम मोदी से अपील करना चाहते हैं कि एमएसपी हमेशा से हमारा मुद्दा रहा है। ऐसे में हमारा दिल्ली बॉर्डर छोड़ने का कोई इरादा नहीं है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि 27 नवंबर को बैठक होगी और हम आगे की योजना बनाएंगे। 29 नवंबर को दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च का आयोजन होगा। टिकैत ने कहा हम पीछे हटने वाले नहीं है और सरकार को गारंटी देनी ही होगी। किसान संगठन इस बात पर अड़े हुए हैं कि संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान रोज 500 किसान ट्रैक्टर ट्रॉली पर सवार होकर संसद तक मार्च करेंगे और अपना विरोध जताएंगे। किसान आंदोलन के एक साल पूरे होने और किसानों के बॉर्डर पर जुटने को लेकर दिल्ली पुलिस हाई अलर्ट पर है। पुलिस के आला अधिकारियों और किसान संगठनों के नेताओं के बीच बैठकों का सिलसिला शुरू हो चुका है, लेकिन अभी बातचीत किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि किसी को भी कानून व्यवस्था को तोड़ने की इजाजत नहीं दे सकते, लेकिन अगर कोई लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रदर्शन करके अपनी बात रखना चाहता है, तो उसे रोकेंगे भी नहीं।


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