Ratlam News: नोटों और आभूषणों से सज गया महालक्ष्मी मंदिर, दूर-दूर से आ रहे श्रद्धालु, देखिए तस्वीरें

दिवाली के मौके पर एमपी में रतलाम का महालक्ष्मी मंदिर एक बार फिर नोटों और आभूषणों से सज गया है। यह प्रदेश का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां महालक्ष्मी के साथ अष्टलक्ष्मी की प्रतिमाएं स्थापित हैं।

रतलाम का प्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर दिवाली के मौके पर नोटों और आभूषणों से सज गया है। तीन साल बाद मंदिर का यह वैभव देखने को मिला है।
करोड़ों रुपयों के नोटों-आभूषणों से हुई सजावट

मध्य प्रदेश में रतलाम के माणकचौक स्थित महालक्ष्मी मंदिर में पांच दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआत धनतेरस से हो गई। महालक्ष्मी मंदिर को करोड़ों रुपये के नोटों और सोने-चांदी के आभूषणों से सजाया गया है। यहां देश भर से भक्त माता के दर्शन करने पहुंच रहे हैं। मंदिर को सजाने के लिए अपने सोने, चांदी, हीरे, जवाहरात के साथ साथ नकदी भी भक्तों ने दी है।
तीन साल बाद दिखे ये नजारे

इस मंदिर को हर साल दीपावली पर हीरा, पन्ना, मोती, नगदी आदि से सजाया जाता है। पिछले दो वर्षों से कारोना के चलते ऐसा नहीं हो पाया था। कोविड का कहर कम होने के बाद प्रशासन ने इस वर्ष मंदिर को सजाने की अनुमति दे दी है। हालांकि, इसके लिए कोविड गाइडलाइन का पालन अनिवार्य किया गया है।
प्रसाद के रूप में लौटाए जाते हैं आभूषण व नगदी

श्रद्धालु मंदिर में जो भी नोट और जेवरात सजावट के लिए देते हैं, उन्हें भाई दूज के बाद प्रसाद के रूप में लौटा दिया जाता है। श्रद्धालु घर जाकर नोट व आभूषण तिजोरी में रखते हैं। मान्यता है कि इससे घर में हमेशा बरकत बनी रहती है। जो भी आमजन नोट व आभूषण देते हैं, उनका रेकॉर्ड मंदिर में रखा जाता है।
महालक्ष्मी के साथ अष्टलक्ष्मी की मूर्ति

रतलाम का महालक्ष्मी मंदिर भक्तों की आस्था का बड़ा केंद्र है। इस मंदिर में अन्य प्राचीन प्रतिमाओं के अतिरिक्त श्री अष्टलक्ष्मी की प्रतिमाएं भी हैं। मध्य प्रदेश में यह एकमात्र मंदिर है जहां श्री महालक्ष्मी के साथ साथ अष्टलक्ष्मी भी हों। इनमें श्री ऐश्वर्य लक्ष्मी, श्री संतान लक्ष्मी, श्री वीर लक्ष्मी, श्री विजया लक्ष्मी, श्री अधी लक्ष्मी, श्री धान्य लक्ष्मी, श्री लक्ष्मीनारायण, श्री धन लक्ष्मी की प्रतिमाएं हैं।
400 वर्ष पहले हुई स्थापना

इस मंदिर की स्थापना करीब 400 वर्ष पहले तत्कालीन रियासत के राजा रतनसिंह ने करवाई थी। शहर की स्थापना के दौरान ही इसका निर्माण किया गया था। शहर के बीचोबीच बने मंदिर में दीपावली पर दर्शन करने के लिए देश के कई राज्यों के यहां आते हैं।
सजावट के लिए मशहूर

दीपोत्सव के मौके पर अपनी सजावट के लिए देश व दुनिया में मशहूर हो चुका यह हजारों की आस्था का केंद्र है। माना जाता है कि अति प्राचीन मंदिर में दर्शन करने से जीवन की हर बाधा दूर होती है। इसी विश्वास के चलते इस मंदिर में हर साल दर्शन करने के लिए आने वाले भक्तों की संख्या बढ़ती जा रही है।
2018 में एक करोड़ रुपये से ज्यादा की सजावट

महालक्ष्मी मंदिर का ऐसा वैभव तीन साल बाद देखने को मिला है। 2018 में मंदिर को एक करोड़ तीन लाख 14 हजार 433 रुपये से मंदिर की सजावट हुई थी। 2018 में आचार संहिता, 2019 में प्रशासनिक बेरुखी और 2020 में कोरोना संक्रमण के चलते सजावट के लिए नकदी देने वालों की संख्या कम हो गई थी।
from Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश न्यूज़, Madhya Pradesh Samachar, मध्य प्रदेश समाचार, Madhya Pradesh Ki Taza Khabar, मध्य प्रदेश की ताजा खबरें, MP News | Navbharat Times https://ift.tt/3mDLtvw
via IFTTT