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ओमीक्रोन के मरीजों में दिख रहे सभी 14 लक्षण आए सामने, मगर इन 5 लक्षणों से पीड़ित हैं ज्‍यादातर लोग

Omicron Top symptom: ओमीक्रोन के मरीजों में दिख रहे सभी 14 लक्षण आए सामने, मगर इन 5 लक्षणों से पीड़ित हैं ज्‍यादातर लोग

Covid Omicron ke lakshan: ओमीक्रोन के लक्षण हल्के हैं और मरीज जल्दी आराम भी पा रहे हैं। ओमीक्रोन को ऊपरी श्वसन प्रणाली को प्रभावित करने के लिए जाना जा रहा है जिसकी वजह से ठंड जैसे हल्के लक्षण पैदा हो रहे हैं।

कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है।

ओमीक्रोन वेरिएंट (Covid-19 Omicron)

आने के बाद नए दैनिक मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। भारत में एक बार दैनिक मामले दो लाख का आंकड़ा पार कर गए हैं। डब्ल्यूअचओ ने ओमीक्रोन को पिछले सभी वेरिएंट के मुकाबले तेजी से फैलने वाला संक्रमण बताया है। ओमीक्रोन के लक्षण हल्के हैं और मरीज जल्दी आराम भी पा रहे हैं। ओमीक्रोन को ऊपरी श्वसन प्रणाली को प्रभावित करने के लिए जाना जा रहा है जिसकी वजह से ठंड जैसे हल्के लक्षण पैदा हो रहे हैं। यह फेफड़ों को कम नुकसान पहुंचाता है, जो निश्चित रूप से राहत की बात है।

डेल्टा वेरिएंट

को गंभीर बीमारियों का कारण माना जाता है, जिससे अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु हो जाती है। डेल्टा की वजह से आई दूसरी लहर के दौरान कई लोगों को खांसी, बुखार और गंध और स्वाद के नुकसान से लेकर सांस की तकलीफ, सीने में दर्द, फेफड़ों के गंभीर संक्रमण जैसे गंभीर लक्षणों का सामना करना पड़ा।

इसके विपरीत

ओमीक्रोन वेरिएंट

में फेफड़े शामिल होने की संभावना कम होती है और यह काफी हद तक हल्का होता है। विशेषज्ञ भी मान रहे हैं कि यह वेरिएंट सर्दी या फ्लू जैसा हो सकता है। बिजनेस इनसाइडर ने हाल ही में 'यूके जोन कोविड सिम्पटम्स स्टडी' के डेटा का उपयोग करते हुए एक चार्ट जारी किया है, जिसमें ओमीक्रोन के सबसे हल्के से सबसे भारी तक लक्षणों को दर्शाया गया है। इसमें उन लोगों के प्रतिशत पर भी प्रकाश डाला जो किसी एक विशिष्ट लक्षण से पीड़ित थे।



ओमीक्रोन के 14 लक्षण
ओमीक्रोन के 14 लक्षण

- बहती नाक: 73%

- सिरदर्द: 68%

- थकान: 64%

- छींक आना: 60%

- गले में खराश: 60%

- लगातार खांसी: 44%

- कर्कश आवाज: 36%

- ठंड लगना या कंपकंपी: 30%

- बुखार: 29%

- चक्कर आना: 28%

- ब्रेन फॉग: 24%

- मांसपेशियों में दर्द: 23%

- गंध की कमी: 19%

- सीने में दर्द: 19%



कोरोना की जांच कब करानी चाहिए
कोरोना की जांच कब करानी चाहिए

कोरोना

का इन्क्यूबेशन पीरियड तब शुरू होता है, जब आप संक्रमित होते हैं और लक्षण महसूस करते हैं। ऐसा 1-14 दिनों के बीच हो सकता है। आमतौर पर लगभग 5 दिनों में ऐसा हो सकता है।

डब्ल्यूएचओ के अनुसार

, किसी व्यक्ति के वायरस से संक्रमित होने के बाद उसके लक्षण दिखने में औसतन पांच से छह दिन लगते हैं, हालांकि इसमें 14 दिन तक का समय लग सकता है।


पॉजिटिव होने पर कब तक आइसोलेट रहना चाहिए
पॉजिटिव होने पर कब तक आइसोलेट रहना चाहिए

सीडीसी के अनुसार,

अगर कोई पॉजिटिव है, तो उसे टेस्टिंग की तारीख से कम से कम 5 दिनों के लिए अलग करना चाहिए (यदि लक्षण नहीं हैं)। यदि लक्षण हैं, तो कम से कम 5 दिनों के लिए अलग करें।

भारत में ICMR ने कहा है

कि मरीज 10 दिनों के बजाय सात दिनों के लिए घर पर रह सकते हैं।


हल्के लक्षणों को नजरअंदाज न करें
हल्के लक्षणों को नजरअंदाज न करें

विशेषज्ञों ने

ओमीक्रोन

को हल्के में लेने के खिलाफ चेतावनी दी है। यह हल्का हो सकता है, लेकिन इसकी उच्च संक्रामक दर एक ऐसी चीज है जिसने दुनिया भर में चिंता बढ़ा दी है। इस दौरान यह महत्वपूर्ण है कि कोविड के नियमों का अभ्यास करना जारी रखें। मास्क पहनें, सामाजिक दूरी बनाए रखें, उचित स्वच्छता का पालन करें और बाहर जाने से बचें।

अंग्रेजी में इस स्‍टोरी को पढ़ने के लिए

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डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।





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