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दिल्ली-मुंबई में नए कोरोना केस घटे, तो क्या पीक आ गया या वजह दूसरी है?

नई दिल्ली देश में कोरोना केस अब भी बढ़ रहे हैं, लेकिन बीते 24 घंटों में दिल्ली और मुंबई में नए मरीजों की संख्या में बड़ी गिरावट देखी गई है। ऐसे में यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या दोनों ही महानगरों में कोरोना का पीक आ गया या कोरोना टेस्ट ही कम हुए हैं? कोरोना की दो लहर का सामना करने के बाद इस तीसरी लहर में देश के दो बड़े शहरों में अचानक गिरावट का मामला फिलहाल अस्पष्ट है। भारत में शुक्रवार को संक्रमण के 2.70 लाख नए मामले सामने आए, जो एक दिन पहले 2.64 लाख से थोड़े ज्यादा थे। देशभर में टेस्टिंग भी घटी है, जो एक दिन पहले 18.86 लाख हुई थी और शुक्रवार को 17.87 लाख रही। दिल्ली में कोरोना का हाल दिल्ली में शुक्रवार को कोविड-19 के 24,383 नए मामले सामने आए और 34 मरीजों की मौत हो गई, वहीं संक्रमण दर बढ़कर 30.64 प्रतिशत दर्ज की गई। नए मामलों की संख्या बृहस्पतिवार की तुलना में कम रही, लेकिन संक्रमण दर में वृद्धि हुई है। बृहस्पतिवार को दिल्ली में कोविड-19 के 28,867 मामले सामने आए थे, जो महामारी की शुरुआत के बाद से एक दिन में सबसे अधिक वृद्धि थी। वहीं, 31 मरीजों की मौत हो गई थी और संक्रमण दर 29.21 प्रतिशत थी। मुंबई में 9 मरीजों की मौत मुंबई में शुक्रवार को कोविड-19 के 11,317 नए मामले सामने आए, जो एक दिन पहले सामने आए मामलों से 17.60 प्रतिशत कम है, वहीं नौ और मरीजों की मौत हुई है। दोनों शहरों में बीते 24 घंटों में कोरोना टेस्ट कम हुए जबकि पिछले आठ दिनों में काफी टेस्ट हो रहे थे। दोनों शहरों के कोविड डेटा में एक महत्वपूर्ण अंतर है। मुंबई में टेस्ट पॉजिटिविटी रेट (TPR- टेस्टिंग में से कोविड पॉजिटिव होने का प्रतिशत) घटता दिख रहा, जबकि राष्ट्रीय राजधानी में यह लगातार बढ़ रहा है। मुंबई में सबसे ज्यादा टीपीआर (पिछले आठ दिनों में) 7 जनवरी को 28.95 प्रतिशत रेकॉर्ड किया गया था, जो शुक्रवार को 20.6% पर आ गया। दूसरी तरफ दिल्ली में शुक्रवार को टीपीआर 30.64 प्रतिशत रहा जो राजधानी में हाल के महीनों में सबसे ज्यादा है। शुक्रवार को दिल्ली में 79,578 टेस्ट किए गए जो बीते आठ दिनों में दूसरा सबसे कम आंकड़ा है। मुंबई में कोरोना पीक आ गया? वहीं, मुंबई में 54,924 टेस्ट किए गए, जो बीते आठ दिनों में सबसे कम है। डेटा से पता चलता है कि अगर टेस्ट ज्यादा किए जाएंगे तो दोनों ही शहरों में ज्यादा संख्या में मामले पता चलेंगे। लेकिन टीपीआर में गिरावट से संकेत मिल रहे हैं कि मुंबई में पीक शायद आ चुका है जबकि दिल्ली में आना अभी बाकी है। राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को हर तीसरा सैंपल पॉजिटिव आया और डेली टीपीआर लगातार बढ़ रहा है। मौतें भी बढ़ रहीं इस बीच, दोनों ही बड़े शहरों में शुक्रवार को ज्यादा मौतें हुई हैं। हालांकि दूसरी लहर की तुलना में इसे काफी कम कहा जाएगा। 34 मौतों के साथ दिल्ली में मृतकों का आंकड़ा शुक्रवार को सभी राज्यों में सबसे ज्यादा था। मुंबई में 9 मौतें दर्ज की गईं, जो शहर में पांच महीने में सबसे ज्यादा है। देश में शुक्रवार को 217 मौतें हुई थीं यानी लगातार तीसरे दिन 200 से ज्यादा मौतें हुईं। 35 डॉक्टरों ने कहा, न दोहराएं वो गलतियां उधर, 35 बड़े डॉक्टर्स के एक समूह ने केंद्र सरकार, राज्यों और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से एक महत्वपूर्ण अपील की है। उन्होंने एक पत्र में ऐसी दवाओं और टेस्ट को रोकने को कहा है, जो कोरोना के इलाज में जरूरी नहीं है। बिना कारण अस्पताल में भर्ती करने पर भी डॉक्टरों ने चिंता जताई है। डॉक्टरों का कहना है कि सरकार वही गलती कर रही है, जो दूसरी लहर में की गई थी।


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