एक्सपेरिमेंट खत्म, अब वायुसेना में परमानेंट होंगी महिला फाइटर पायलट

for Induction of : रक्षा मंत्रालय ने () में महिला लड़ाकू पायलटों (Women Fighter Pilots) को शामिल करने की प्रायोगिक योजना (Experimental Scheme) को स्थायी योजना में बदलने का फैसला किया है। (Rajnath Singh) ने मंगलवार को कहा कि यह फैसला भारत की नारी शक्ति की क्षमता (Nari Shakti capability ) और महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। रक्षा मंत्री ने ट्विटर पर कहा, ‘रक्षा मंत्रालय (MoD) ने भारतीय वायु सेना में महिला लड़ाकू पायलटों को शामिल करने के लिए प्रायोगिक योजना को एक स्थायी योजना में बदलने का फैसला किया है।’ उन्होंने कहा, ‘यह भारत की 'नारी शक्ति' की क्षमता और हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महिला सशक्तिकरण के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है।’ सुप्रीम कोर्ट की ओर से तीनों सेनाओं में भर्ती के लिए प्रतिष्ठित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में महिलाओं के प्रवेश का मार्ग प्रशस्त करने के कुछ महीने बाद यह फैसला आया है। भारतीय वायु सेना की फ्लाइंग ऑफिसर अवनी चतुर्वेदी ने 2018 में अकेले लड़ाकू विमान उड़ाकर पहली भारतीय महिला बनने का गौरव हासिल किया था। उन्होंने अपनी पहली एकल उड़ान में मिग-21 बाइसन उड़ाया था। नौसेना ने 2020 में डोर्नियर समुद्री विमान मिशन पर महिला पायलटों के अपने पहले समूह को तैनात करने की घोषणा की थी। सेना ने 2019 में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए महिलाओं को सैन्य पुलिस में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू की थी।
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