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अफगानिस्तान पर भारत के साथ दोस्त रूस, बोला- मानवीय मदद देंगे, पर तालिबान को मान्यता नहीं

नई दिल्ली: अफगानिस्तान पर रूस ने भारत () के रूख का समर्थन किया है। रूस के विदेश मामलों के उपमंत्री राजदूत सर्जेई वासिलयेविक वर्शिनिन ने कहा कि अफगानिस्तान में हालात () को लेकर भारत और रूस () का रुख कई मामलों में समान है। उन्होंने कहा कि काबुल में मौजूदा सरकार को मान्यता देने के बारे में अभी बात करना अपरिपक्वता होगी। भारत सरकार ने भी आम बजट में अफगान नागरिकों की मदद के लिए विशेष फंड का प्रावधान किया है। तालिबान के कब्जे के बाद भारत ने अफगानिस्तान को कई बार वैक्सीन, दवाईयां देकर मदद की है। 'अफगानिस्तान को मदद कर रहे ' वर्शिनिन ने यह भी कहा कि अफगान के लोगों को मानवीय मदद भेजी जानी चाहिए। मास्को और नई दिल्ली की ओर से मदद मुहैया कराई भी जा रही है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में दोनों देशों के बीच संबंधों को लेकर आयोजित बैठक में भाग लेने के लिए वर्शिनिन भारत में थे। तालिबान से प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की मांग वर्शिनिन ने कहा कि अफगानिस्तान में हालात को लेकर भारत और रूस का रुख कई मामलों में समान और अभिन्न है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अफगान नेतृत्व अपनी प्रतिबद्धताओं पर खरा उतरेगा खासकर सरकार के समावेशी रवैये और मानवाधिकार के संबंध में। वर्शिनिन के बयान को रूसी दूतावास के अधिकारियों ने जारी किया है। रूस ने अमेरिका पर लगाए गंभीर आरोप वर्शिनिन ने आरोप लगाया कि अफगानिस्तान की मौजूदा हालत अमेरिकी फौज और उनके सहयोगियों की वहां 20 साल तक रही उपस्थिति के कारण है। अमेरिकी फौजों की वापसी के बाद तालिबान ने अफगानिस्तान पर पिछले साल अगस्त में कब्जा कर लिया था। यूक्रेन की स्थिति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यूक्रेन के घटनाक्रम और पश्चिमी देशों, नाटो तथा अमेरिका द्वारा फैलाए गए तनाव के बारे में अपने दृष्टिकोण से हमने भारतीय पक्ष को सूचित कर दिया है।


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