आयुर्वेद एक्सपर्ट ने बताए दही खाने का सही तरीका और समय, नजरअंदाज किया तो फायदे के बदले होगा नुकसान
दही (curd) को आमतौर पर सभी लोग पंसद करते हैं। खाने के साथ दही का रायता ज्यादातर लोगों के घरों में रोज ही बन जाता है। इसमें मौजूद पोषक तत्वों के वजह से दही को सुपरफूड भी कहा जाता है। दही पोषक तत्व से भरपूर है। यह प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, विटामिन बी -12, लिनोलिक एसिड और अन्य प्रमुख फैटी एसिड का एक अच्छा स्रोत है। वैसे तो दही सभी मौसम में मिलता है लेकिन जब मौसम गर्मी की हो तो घरों में सिर्फ रायता ही नहीं सुबह शाम लस्सी का प्रोग्राम भी बन जाता है। इसे खूबसूरत त्वचा, चमकदार और डैंड्रफ फ्री बालों के लिए भी घरेलू नुस्खे के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। दही को अक्सर हम अपनी इच्छानुसार किसी भी दूसरे खाद्य पदार्थों के साथ मिलाकर खा लेते हैं। ऐसा करना सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है। आयुर्वेद में दही को खाने के कुछ हेल्दी तरीके और समय बताए गए हैं। आइए जानते हैं इसे लेकर आयुर्वेद डॉक्टर क्या कहते हैं- आयुर्वेद डॉक्टर अलका विजयन बताती हैं कि आमतौर पर दही चावल को लोग कब्ज की परेशानी के लिए रामबाण मानते हैं लेकिन इसे रोज नहीं खाना चाहिए। चार दिनों में एक बार इसका सेवन आपकी सेहत के लिए फायदेमंद होता है। वह बताती हैं कि कोई भी gut friendly प्रोबायोटिक फूड सही तरीके, समय और मात्रा में न खाया जाए तो हानिकारक हो सकता है।
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