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कम भूख-खट्टी डकार, ये हैं गैस्ट्रिक कैंसर के 8 लक्षण, खाना शुरू करें ये 10 चीजें

ठंड के दिनों में गैस या गैस्ट्रिक की समस्या होना बहुत ही आम बात है। आजकल ज्यादातर लोग इस समस्या से ग्रस्त हैं। विशेषज्ञ डॉक्टर के अनुसार, यह समस्या खराब खान-पान और बदलती जीवनशैली की वजह से होती है। लेकिन अगर यह आदत लंबे समय तक बनी रहे तो एसिडिटी के कारण गैस्ट्रिक कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है। सुबह समय पर नाश्ता न करने के कारण एसिडिटी हो सकती है और भविष्य में गैस्ट्रिक कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।गैस्ट्रिक कैंसर को लोग आम भाषा में पेट का कैंसर से भी जानते हैं। भारत में गैस्ट्रिक कैंसर की समस्या दक्षिणी भाग और उत्तर पूर्वी राज्यों में ज्यादा है। भूख न लगना, खाना निगलने में परेशानी, पेट दर्द, पेट में जलन, खट्टी डकार, वजन कम होना, खून की उल्टी, खाने के बाद पेट फूला हुआ महसूस होना और कम खाने के बावजूद पेट भरा हुआ लगना यह गैस्ट्रिक कैंसर के लक्षण हैं।मुंबई स्थित एशियाई कैंसर इंस्टीट्यूट में ऑन्कोलॉजिस्ट और हेमेटो-ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ सुहास आग्रे के अनुसार, बदलती जीवन शैली जैसे कि, धूम्रपान और शराब की अतिरिक्त सेवन के कारण गैस्ट्रिक कैंसर का खतरा होता हैं। इतना ही नहीं बल्कि हेलिकोबैक्टर पाइलोरी संक्रमण, विशेष रूप से कुछ जीनोटाइप (vacAs1, vacAm1, और cagA पॉजिटिव), एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक बना हुआ है।

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