नहीं पड़ेगी गोलियों की जरूरत, कोलेस्ट्रॉल और शुगर को खून से सोख लेगा ये आटा
भारत में लगभग सभी घरों में रोटियां बनाने के लिए गेहूं का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि सर्दियों में मक्का और बाजरा के आटे से बनी रोटियों का भी आनंद लिया जाता है। वैसे तो गेहूं का आटा भी सेहत के लिए बढ़िया है लेकिन अगर आप मोटापे, डायबिटीज, हार्ट डिजीज और कोलेस्ट्रॉल जैसी खतरनाक बीमारियों से जूझ रहे हैं या बचाव करना चाहते हैं, तो आपको सिंघाड़े (Water chestnut) से बने आटे की रोटियां खानी शुरू कर देनी चाहिए।अगर आप ग्रामीण क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं, तो आपको पता होगा कि सिंघाड़ा तालाब में उगने वाला एक फल है, जो हरा और हल्का गुलाबी रंग का होता है। इसे छीलकर कच्चा या उबालकर खाया जाता है। अगर बात करें सिंघाड़े के पोषक तत्वों की तो इसमें बहुत कम कैलोरी होती है जबकि यह कार्ब्स, फाइबर, प्रोटीन, पोटेशियम, मैंगनीज, कॉपर, विटामिन बी6 और राइबोफ्लेविन का बढ़िया स्रोत है। अपने इन गुणों फैट टू स्लिम की डायरेक्टर और न्यूट्रिशनिस्ट एंड डाइटीशियन शिखा अग्रवाल शर्मा के अनुसार, नियमित रूप से सिंघाड़े के आटे से बनी रोटियां खाने से आपको दिल के रोगों का जोखिम करने, ब्लड शुगर को कंट्रोल रखने, वजन कम करने आदि में मदद मिल सकती है। चलिए जानते हैं सिंघाड़े के आटे (Water Chestnut Flour Benefits) के और क्या-क्या फायदे हैं।
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