Gwalior: मां और सौतेले पिता ने कराया नाबालिग का दुष्कर्म, सभी को सजा
Gwalior News: मां, सौतेले पिता ने रुपये लेकर दो आरोपितों से नाबालिग बेटी के साथ 10 माह तक दुष्कर्म करवाया। अपर सत्र न्यायाधीश-विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट तरुण सिंह ने बेटी से पवित्र रिश्ते को कलंकित करने वाले मां-पिता और एक आरोपित को उम्रकैद, जुर्माने की सजा सुनाई है। दूसरे आरोपित को 10 वर्ष कैद और जुर्माने की सजा सुनाई है।एडीपीओ आशीष कुमार राठौर, नैंसी गोयल ने बताया पीड़िता की मां और सौतेले पिता से आरोपित रामकुमार गौड़ और बृजेश जाटव की दोस्ती थी। इससे रामकुमार और बृजेश का पीड़िता के घर में आना जाना था। मां-पिता, इन दोनों आारेपितों से रुपये लेकर पिछले 10 माह से नाबालिग बेटी से गलत काम करा रहे थे। रात में मां-पिता ही बृजेश को बेटी के साथ कमरे में अकेला छोड देते थे। आरोपित बृजेश ने दिनांक 05 जून 2021 से 20 मार्च 2022 तक दुष्कर्म किया।
नाबालिग को जान से मारने की धमकी
इस दौरान आरोपित ने नाबालिग को धमकाया कि वारदात के बारे में किसी को बताया तो जान से मार देगा। बृजेश ने इनके घर आना बंद किया तो छह माह से आरोपित रामकुमार गौड़ ने मासूम के साथ गलत काम किया। इस दौरान भी मां-पिता आरोपित के साथ बेटी को कमरे में बंद रखते थे। दोष साबित होने पर न्यायालय ने पीड़िता की मां, सौतेले पिता और आरोपित रामकुमार गौड़ पुत्र जसराम गौड़ निवासी पृथ्वीनगर सिरोल ग्वालियर को उम्रकैद की सजा सुनाई है। आरोपित बृजेश जाटव पुत्र बनवारी लाल जाटव निवासी सागर ताल मल्टी बहोड़ापुर ग्वालियर को 10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई है। चारों आरोपितों पर तीन लाख 60 हजार रुपये का जुर्माना किया है।
10 माह तक दुष्कर्म, किसी को न बताए इसलिए करते थे निगरानी
दस माह तक बेटी से हैवानियत कराने के साथ ही मां और सौतेले पिता उसे घर में बंद रखते और कहीं जाने नहीं देते थे। वह किसी को कुछ बता न दे, इसलिए किसी से बात नहीं करने देते थे। न ही उसे सहेली बनाने देते थे। स्कूल में बेटी किसी को कुछ बता न दे इसलिए मां उसी स्कूल में साफ-सफाई और खाना बनाने का काम करती। क्लासरूम के बाहर दरवाजे के पास बैठकर बेटी की निगरानी करती थीं।
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