प्रदर्शन के दौरान गाइडलाइन भूले कांग्रेसी
Publish Date: | Sun, 06 Sep 2020 04:08 AM (IST)
सेकंड लीड
बैलगाड़ी पर चढ़कर प्रदर्शन के दौरान एक साथ खड़े हो गए प्रदर्शनकारी
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बैलगाड़ी पर फसल ले जाकर प्रदर्शन करते कांग्रेसी भूले गाइडलान, एक गाड़ी पर चढ़ गए कई कांग्रेसी
छिंदवाड़ा। बाढ़ प्रभावित किसानों और आमजन के समर्थन में प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता कोरोना को लेकर गाइडलाइन ही भूल गए। प्रदर्शनकारी बैलगाड़ी पर खराब पौधे दिखाने के लिए निकले थे, लेकिन उन्होंने गाइडलाइन को भुलाकर 20 से 25 प्रदर्शनकारी बैलगाड़ी पर ही चढ़ गए। शनिवार को युवक कांग्रेस आदिवासी प्रकोष्ठ एवं नगर निगम ग्रामीण के संयुक्त तत्वावधान में वरिष्ठ कांग्रेस नेता अमित सक्सेना के नेतृत्व में सात सूत्रीय ज्ञापन राज्यपाल के नाम कलेक्टर को सौंपा गया। युवा कांग्रेस आदिवासी प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष आशीष कुमरे ने बताया कि, सात सूत्रीय ज्ञापन में प्रमुख रूप से जिले के साथ फसल बीमा योजना में जो भेदभाव किया गया है प्रदेश के 5 जिलों में इसकी अवधि बढ़ाई है लेकिन जिले में भारी क्षति के बाद भी इसे वंचित रखा गया है। फसल बीमा प्रतिकर की राशि बढ़ाए जाने, गरीबों के बढ़े हुए बिजली के बिलों पर भी चिंता व्यक्त की गई और डीजल पेट्रोल की कीमतो के दामों पर अंकुल लगाए जाने एवं बिजली के बिल को कम किए जाने एवं उज्जवला योजना में गैस सिलेंडर गरीबों को वितरित किए गए हैं लेकिन अनुदान की राशि हितग्राहियों के खाते में लंबे समय अवधि से नहीं भेजी गई है। इस दौरान युवक कांग्रेस आदिवासी प्रकोष्ठ, नगर निगम ग्रामीण, शहर युवक कांग्रेस, शहर कांग्रेस, ग्रामीण कांग्रेस सहित महिला कांग्रेस सहित अन्य प्रकोष्ठ के पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित रहे।
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शिक्षक समाज के सच्चे पथ प्रदर्शक हैः गंगा तिवारी
छिंदवाड़ा। हमारे वेद पुराण व ऐतिहासिक ग्रंथ गवाह है कि गुरू हर युग में समाज के पथ प्रदर्शक रहे हैं। जैसे सुर बिन तान नहीं वैसे ही गुरू बिन ज्ञान नहीं और गुरू शब्द के मायने ही यही होते हैं कि ज्ञान की रूह से मिलने का जो गुर बताए वही वास्तविक गुरू है। स्थानीय राजीव भवन में आयोजित महिला सम्मान समारोह के अंतर्गत कार्यक्रम के अतिथि जिला कांग्रेस अध्यक्ष गंगाप्रसाद तिवारी ने ये विचार व्यक्त किए। आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए युवा नेता आनंद बक्षी ने कहा कि वर्तमान परिवेश में उनके पास सब कुछ है जो बीड़ी निर्माता हैं, लेकिन उनके पास कुछ भी नहीं जो पीढ़ी निर्माता है। पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना ने कहा कि मां, मातृ शक्ति और शिक्षिका जिस परिवार को मिल जाए वह घर स्वर्गधाम है। क्योंकि मां प्रथम गुरू है और परिवार द्वारा प्रदत्त संस्कारों से ही व्यक्ति की पहचान होती है। राजीव भवन में आयोजित इस सम्मान समारोह में लगभग 600 से अधिक शिक्षिकाओं का प्रशस्तिपत्र एवं ट्राफी के माध्यम से अभिनंदन किया गया। जिनमें पूर्व राष्ट्रपति एवं राज्यपाल पुरस्कार प्राप्त सुरेंद्र खंडूजा, संध्या विश्वकर्मा, सुमन दीक्षित, सरोज सोनी, सुशीला शर्मा सहित अन्य शिक्षिकाओं के नाम सम्मिलित हैं।
Posted By: Nai Dunia News Network
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