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सागर में बना प्रदेश का पहला अलसी सीड हब, अन्य राज्यों को भी भेजा जा रहा उन्नत बीज

Publish Date: | Wed, 09 Sep 2020 04:12 AM (IST)

सागर में बना प्रदेश का पहला अलसी सीड हब, अन्य राज्यों को भी भेजा जा रहा उन्नत बीज-00000

– सीड हब में विज्ञानियों ने विकसित की अलसी की तीन उन्नत किस्में

बीना । नवदुनिया न्यूज

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अंतर्गत जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र सागर में प्रदेश का पहला अलसी सीड हब तैयार किया है। विज्ञानियों ने दो तीन साल में अलसी की तीन उन्नत किस्में तैयार की हैं। इन किस्मों में उत्पादन ज्यादा होने के साथ-साथ तेल और ओमेगा-3 की मात्रा ज्यादा रहती है। अब देशभर में इस उन्नत बीज की मांग बढ़ रही है। हाल ही में सागर से 250 क्विंटल बीज ओडिशा एवं छत्तीसगढ़ भेजा है।

मध्यप्रदेश राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था होशंगाबाद के सहयोग से वर्ष 2018-19 में सीड हब (अलसी परियोजना) के अंतर्गत अलसी बीज उत्पादन कार्यक्रम शुरू किया था। पहला सफल प्रयोग होशंगाबाद में दिनेश महेश्वरी के खेत में किया गया। आधुनिक तरीके से खेती करने पर 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन हुआ। उत्पादन अच्छा होने के कारण अन्य किसान भी अलसी की खेती में रुचि दिखाने लगे हैं। पिछले साल 777 क्विंटल अलसी का आधार बीज तैयार किया है। इसमें 250 क्विंटल बीज छत्तीसगढ़ और ओडिशा भेजा है। वर्तमान में 550 क्विंटल से ज्यादा बीज अनुसंधान केंद्र सागर में उपलब्ध है।

अलसी उत्पादन में मप्र की 50 फीसद भागेदारी

दरअसल अलसी उत्पादन के मामले में मध्यप्रदेश देश का अग्रणीय राज्य है। प्रदेश में अलसी का कुल रकबा 1 लाख 38 हजार हेक्टेयर है। प्रति वर्ष औसत उत्पादन 67 हजार मीट्रिक टन होता है। यह देश का 50 प्रतिशत उत्पादन है। इसे देखते हुए केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने मध्यप्रदेश में सीड हब बनाने का निर्णय लिया था। इसके लिए 2 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया था। इस राशि से वरिष्ठ कृषि विज्ञानी और परियोजना प्रभारी डॉ. डीके प्यासी ने लगातार अनुसंधान कर अलसी की उन्नत किस्म जेएलएस 95, जेएलएस 66, जेएलएस 73 तैयार की हैं।

किसान कर सकते हैं आय में इजाफा

कृषि विज्ञानियों ने बताया कि जिन किसानों को उन्नत आधार बीज दिया जाता है, उन्हें आधुनिक तरीके से खेती करने का प्रशिक्षण दिया जाता है। इस परियोजना का उद्देश्य प्रदेश में अलसी का रकबा बढ़ाने के साथ ही किसानों की आय में वृद्घि करना है। अलसी का आधार बीज बोकर किसान प्रति हेक्टेयर 18-20 क्विंटल उत्पादन ले सकते हैं। किसानों को बजार में अलसी का मूल्य 5500-6000 रुपये प्रति क्विंटल तक मिल जाता है। एक हेक्टेयर में अलसी बोने पर 25 हजार रुपये खर्च आता है, जबकि पैदावार एक लाख रुपये से ज्यादा मूल्य की होती है।

किसानों का रुझान बढ़ा

सागर में अलसी सीड हब परियोजना शुरू होने से किसानों को अलसी का उन्नत बीज मिलने लगा है। फसल में दो पानी देकर किसान अच्छा उत्पादन ले रहे हैं। प्रदेश के साथ-साथ दूसरे राज्यों में उन्नत किस्म के बीज की मांग ब़ए रही है।

– डॉ. डीके प्यासी, कृषि विज्ञानी एवं सीड हब प्रभारी, सागर

फोटो कैप्शन

08 बीना 01- अलसी परियोजना के अंतर्गत बीज उत्पादन कार्यक्रम के दौरान होशंगाबाद में स्थानीय किसान बीज निगम के अधिकारियों के साथ फसल देखते कृषि विज्ञानी डॉ. डीके व्यासी (बाएं से पहले)। -फाइल फोटो

Posted By: Nai Dunia News Network

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