Alert! क्या आप भी करते हैं Google Incognito मोड का इस्तेमाल तो हो जाएं सावधान

अगर आप Incognito मोड का इस्तेमाल करते हैं तो यह खबर आपके लिए है। कई बार हम लोग इस गलतफहमी में रहते हैं कि अगर हम Incognito मोड का इस्तेमाल करेंगे तो हमारी ब्राउजिंग हिस्ट्री को कोई भी ट्रैक नहीं कर पाएगा। जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। सुरक्षा के लिहाज से यह मोड यूजर्स के लिए खतरनाक साबित हो सकात है। ऐसे में आपको यह समझने की जरुरत है कि Incognito मोड आपकी ऑनलाइन प्राइवेसी को सुरक्षित रखने के लिए बेहतर विकल्प नहीं कहा जा सकता है। यहां पर आप जो भी ब्राउज करते हैं उसका पता Google को रहता है। यह मामला तब सामने आया जब तीन यूजर्स ने Google को अदालत तक घसीटा। इन तीनों यूजर्स का डाटा Incognito मोड में ब्राउज करने के वाबजूद भी ट्रैक किया जा रहा था। Google चाहता था कि मामला रद्द कर दिया जाएगा। इसका कारण बेहद सिंपल था। Google का मानना था कि लोग पहले से ही Incognito मोड का असली मतलब जानते हैं थे। जिन यूजर्स ने Google पर आरोप लगाया है उन्होंने कहा कि Incognito मोड का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स के लोकेशन और डाटा को कंपनी द्वारा ट्रैक किया जा रहा है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि कैलिफोर्निया के जिला न्यायाधीश लूसी कोह ने कहा है कि Google ने Incognito मोड के जरिए यूजर्स का निजी डाटा इक्ट्ठा किया है और इसके बारे में यूजर्स को सूचित भी नहीं किया है। इस मामले को लेकर कहा जा रहा है कि Google पर पांच बिलियन डॉलर यानी करीब 36,370 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। जबकि Google का मानना है कि Incognito मोड का मतलब इनविजिबल नहीं होता है। क्रोम यूजर्स को इतना कॉमन सेंसर होना चाहिए कि उनका डाटा ट्रैक हो रहा है। कैलिफोर्निया के जज ने साफ कर दिया है कि वो कंपनी पर लगाया गया यह मुकदमा रद्द नहीं करेंगे। रिपोर्ट में बताया गया कि अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट जज लूसी कोह ने कहा है कि Google ने इसके लिए यूजर्स को किसी भी तरह की कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई थी कि वो यूजर्स का डाटा ट्रैक कर रही है। हालांकि, Google ने इस आरोप को सिरे से नाकार दिया है और कहा है कि वह इन आरोपों पर सख्ती से अपना बचाव करेगा। क्या है Google का कहना: Google ने अपनी कोर्ट फाइलिंग के दौरान कहा कि Incognito का मतलब इनविजिबल नहीं होता है। अगर इस मोड का इस्तेमाल करते हुए कोई भी यूजर किसी वेबसाइट पर जाता है तो यूजर की जानकारी उसे वेबसाइट द्वारा ट्रैक की जाती है। सिर्फ इतना ही नहीं, उस वेबसाइट पर मौजूद जो थर्ट पार्टी सर्विसेज होती हैं उन्हें भी यूजर की जानकारी प्राप्त होती है। Incognito मोड यूजर्स को यह अनुमति देता है कि वो बिना किसी एक्टिविटी के ब्राउज कर पाए। इसका सीधा मतलब यह है कि इस मोड के जरिए यूजर अपनी एक्टिविटी को आपकी डिवाइस या ब्राउजर में रिकॉर्ड नहीं करता है। इस मोड के जरिए जिस वेबसाइट पर यूजर जा रहा है वह वेबसाइट यूजर का डाटा जरूर ट्रैक करती है। डाटा ट्रैकिंग का बड़ा बिजनेस है Google के पास: बता दें कि पिछले वर्ष जून महीने में अमेरिका के एक यूजर ने भी शिकायत दर्ज की थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि Google यूजर्स का डाटा कलेक्ट करती है। वहीं, Google ने पहले ही ऐलान कर दिया था कि वो अपने प्लेटफॉर्म से थर्ड पार्टी कूकीज को हटा देगी।
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