सिटीबैंक ने की बोरिया बिस्तर समेटने की तैयारी, 4000 कर्मचारियों का क्या होगा?
What will happen to citibank employees: अमेरिका के प्रमुख वित्तीय संस्थान सिटीबैंक ने गुरुवार को भारत में उपभोक्ता बैंकिंग कारोबार से बाहर निकलने (citibank exit) की घोषणा की। सिटीबैंक ने सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि कुल 13 देशों से उपभोक्ता बैंकिंग कारोबार से निकलने (citibank to exit from consumer business) की घोषणा की है। बैंक ने वैश्विक रणनीति के तहत यह कदम उठाया है। बैंक के इस कारोबार में क्रेडिट कार्ड, खुदरा बैंकिंग, आवास ऋण और संपत्ति प्रबंधन शामिल हैं। सिटीबैंक के इस कदम के बाद एक बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि आखिर अब बैंक के कर्मचारियों का क्या (What will happen to citibank employees) होगा?What will happen to citibank employees: सिटीबैंक ने भारत में उपभोक्ता बैंकिंग कारोबार से बाहर निकलने (citibank exit) की घोषणा की। सिटीबैंक के इस कदम के बाद एक बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि आखिर अब बैंक के कर्मचारियों का क्या (What will happen to citibank employees) होगा? आइए जानते हैं हर जानकारी।

What will happen to citibank employees: अमेरिका के प्रमुख वित्तीय संस्थान सिटीबैंक ने गुरुवार को भारत में उपभोक्ता बैंकिंग कारोबार से बाहर निकलने (citibank exit) की घोषणा की। सिटीबैंक ने सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि कुल 13 देशों से उपभोक्ता बैंकिंग कारोबार से निकलने (citibank to exit from consumer business) की घोषणा की है। बैंक ने वैश्विक रणनीति के तहत यह कदम उठाया है। बैंक के इस कारोबार में क्रेडिट कार्ड, खुदरा बैंकिंग, आवास ऋण और संपत्ति प्रबंधन शामिल हैं। सिटीबैंक के इस कदम के बाद एक बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि आखिर अब बैंक के कर्मचारियों का क्या (What will happen to citibank employees) होगा?
क्या होगा सिटीबैंक के 4000 कर्मचारियों का?

भारत में सिटीबैंक की कुल 35 शाखाएं हैं और उपभोक्ता बैंकिंग कारोबार में करीब 4,000 कर्मचारी काम करते हैं। सिटीबैंक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी आशु खुल्लर ने कहा है कि इस फैसले का भारत में बैंक के ऑपरेशंस और बैंक के कर्मचारियों पर कोई असर नहीं होगा। यानी बैंक के कर्मचारी काम करते रहेंगे और साथ ही बैंक अपने सभी क्लाइंट को पहले की तरह ही सेवाएं देता रहेगा।
सिटीबैंक के कर्मचारियों को आगे क्या होगा?

अभी तो सिटीबैंक के कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षित है, लेकिन सवाल ये है कि आने वाले सालों में कंपनी के कर्मचारियों का क्या होगा? सिटीबैंक ने कहा है कि वह भारत में सिटीबैंक के ऑपरेशंस के लिए एक खरीदार की तलाश कर रहा है। बैंक के कुछ अधिकारियों ने मनीकंट्रोल को बताया है कि सिर्फ बैंक भारत से बाहर जा रहा है ना कि वह भारत में उपभोक्ता बिजनस को बंद कर रहा है। ऐसे में सिटीबैंक के भारत से बाहर जाने के फैसला का असर ना तो बैंक के स्टाफ पर पड़ेगा, ना ही बैंक के ग्राहकों पर।
1902 में भारत आया था सिटीबैंक

सिटी इंडिया के चीफ एग्जीक्यूटिव आशु खुल्लर ने कहा कि हमारे ऑपरेशंस में तत्काल कोई बदलाव नहीं आया है और इस घोषणा से हमारे साथियों पर तत्काल कोई असर नहीं होगा। हम अपने ग्राहकों की समान भाव से सेवा करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि आज की घोषणा से बैंक की सेवाएं और मजबूत होंगी। संस्थागत बैंकिंग कारोबार के अलावा, सिटी अपने मुंबई, पुणे, बेंगलुरू, चेन्नई और गुरुग्राम केंद्रों से वैश्विक कारोबार पर ध्यान देता रहेगा। सिटी को वित्त वर्ष 2019-20 में 4,912 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था जो इससे पूर्व वित्त वर्ष में 4,185 करोड़ रुपये था। सिटीबैंक ने 1902 में भारत में प्रवेश किया था और 1985 में बैंक ने कंज्यूमर बैंकिंग बिजनस शुरू किया था।
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