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सोशल मीडिया पर बेड, ऑक्सिजन की शिकायत गलत नहीं, कार्रवाई की तो लेंगे ऐक्शन: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट में ऑक्सिजन और दवाइयों की कमी के मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार से कई सवाल पूछे। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि यदि कोई नागरिक सोशल मीडिया पर अपनी शिकायत दर्ज कराते हैं, तो इसे गलत जानकारी नहीं कहा जा सकता है। अगर कार्रवाई के लिए ऐसी शिकायतों पर विचार किया जाता है तो हम इसे अदालत की अवमानना मानेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों के डीजीपी को आदेश देते हुए कहा अफवाह फैलाने के नाम पर कार्रवाई की गई तो अवमानना का मामला चलाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि दवाओं का प्रोडक्शन और वितरण सुनिश्चित क्यों नहीं हो पा रहा है। सुनवाई के दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच ने शुक्रवार सरकार से कई सवाल पूछे। सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि केंद्र सरकार सौ फीसदी टीकों की खरीद क्यों नहीं करती है। इसे राष्ट्रीय टीकाकरण मॉडल पर राज्यों को वैक्सीन क्यों नहीं वितरित करती जिससे दामों में अंतर न रहे। केंद्र ने अपने हलफनामे में कहा है कि हर महीने एक करोड़ से अधिक रेमडेसिविर उत्पादन की क्षमता है।जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि लोगों को ऑक्सिजन सिलेंडर के लिए रोते हुए सुना है। राजधानी दिल्ली में ऑक्सिजन नहीं है। गुजरात, महाराष्ट्र में भी ऐसा है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर पूछा था कि वो बताए कि कोरोना पर उसका प्लान क्या है।सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से दवाइयों के साथ ही साथ ऑक्सिजन सप्लाई पर जवाब मांगते हुए पूछा था कि वह अपनी नेशनल लेवल पर क्या योजना है बताए।


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