Top Story

फिर अटक गए कुसमेली मंडी के विकास कार्य


छिंदवाडा
। जिले की ए क्लास कृषि उपज मंडी कुसमेली जो करो.डों रुपये का राजस्व मंडी बोर्ड को देते आई है लेकिन वर्तमान में मंडी की हालत काफी खराब है। पिछले वर्ष से लगातार मंडी में आवक कम है जिसका सबसे ब.डा कारण कोरोना संक्रमण के कारण मंडी का बंद होना है पिछले एक माह से ज्यादा का

समय हो चुका है मंडी में नीलामी प्रकिया अनाज व्यापारी संघ ने बंद कर रखी है। नीलामी बंद होने से मंडी को राजस्व का नुकसान हो रहा है वहीं वहां काम करने वाले तकरीबन 500 हम्माल बेरोजगार हो गए है हालांकि यह हम्माल वर्तमान में गेहूं खरीदी केंद्रों में काम कर रहे है। जिले में 120 खरीदी केंद्रों में अनाज की खरीदी की जा रही है। कुसमेली मंडी जिले की सबसे ज्यादा राजस्व देने वाली मंडी है लेकिन वर्तमान में राजस्व काफी कम ही आ रहा है। व्यापारी सीधे भी खरीदी कर रहे है जिसका राजस्व मंडी को जाता है, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण व्यापारियों ने भी खरीदी बंद कर रखी है। मंडी में अच्छा राजस्व आने के कारण मंडी समिति द्वारा विकास के कई कार्यस्वीकृत कराए है तथा कई विकास कार्यों की रुपरेखा तैयार की है, लेकिन राजस्व में आई कमी के कारण मंडी बोर्ड भी नए प्रस्तावों की स्वीकृति की अनुमति नहीं दे रहा है। वर्तमान में नया ऑक्शन शेड, मंडी गेट, मंडी का नाम परिवर्तन के साथ ही गुरैया सब्जी मंडी विकास के कार्य भूखंड आवंटन की प्रक्रिया सब ठंडे बस्ते में है।

भावांतर के समय आया बंपर राजस्व

x

पूर्व में जब प्रदेश सरकार ने भावांतर योजना लागू की थी उस समय कुममेली मंडी को बंपर राजस्व प्राप्त हुआ था जिसके कारण मंडी बोर्ड ने मंडी को

पुरस्कृत भी किया था। वर्तमान में मंडी कर्मचारियों के वेतन के साथ ही अन्य कार्यों के लिए बजट का इंतजार मंडी को करना पड; रहा है। कोरोना संक्रमण के कारण वर्तमान में नीलामी प्रकिया बंद है जिसे व्यापारियों ने 23 मई तक बंद रखा है। पूर्व की बात की जाए तो सीजन के अलावा भी यह मंडी लगातार राजस्व प्राप्त करती है। बारिश हो या फिर ठंड प्रतिदिन 5000 क्विंटल की आवक बनी रहती है। पूर्व में कुसमेली मंडी की सहायक उपमंडियों को भी शुरु करने की कार्ययोजना बनाई गई तथा उपमंडियों में कर्मचारी तैनात कर वह पर भी व्यापार शुरु किया गया, लेकिन कोरोना संक्रमण ने पिछले एक वर्ष से मंडी के राजस्व की कमर तोडकर रख दी है।