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यह हत्या का मामला, एमपी पुलिस उसे गुजरात से उठाकर लाए... शिवराज ने डीजीपी को क्यों दिए ये निर्देश

भोपाल नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर शख्त हैं। उन्होंने एमपी के डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि गुजरात में नकली रेमडेसिविर बनाकर एमपी में सप्लाई करने वाले लोगों पर यहां भी केस दर्ज किया जाए क्योंकि इंजेक्शन हमारे राज्य में बेचे गए हैं। वहीं, बुधवार को मामले की जांच के लिए गुजरात पुलिस फिर से जबलपुर पहुंची है। राज्य में कोरोना की स्थिति की समीक्षा करते हुए सीएम ने कहा कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का धंधा करने वालों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी। ऐसे मामलों में विशेषज्ञों से परामर्श लेकर गहराई से जांच की जाए, ताकि ऐसे मामलों में लिप्त नरपिशाच किसी भी कीमत पर बचने न पायें। उन्होंने कहा कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन का धंधा करने वालों पर गंभीर मामला बनता है। असली इंजेक्शन लगता तो शायद लोगों को बचाया जा सकता था, लेकिन नकली के कारण जान गई हो। चौहान ने कहा कि यह तो हत्या का मामला है। एमपी पुलिस को उन्हें गुजरात से उठाकर लाना चाहिए क्योंकि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन तो मध्य प्रदेश में बेचे गए हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने वालों पर मध्य प्रदेश में मुकदमा चलाएं। गौरतलब है कि गुजरात पुलिस ने पिछले दिनों सूरत में नमक और ग्लूकोज के पानी से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने वाले गिरोह का खुलासा करते हुए छह लोगों को गिरफ्तार किया था। इस गिरोह के तार मध्य प्रदेश से भी जुड़े पाए गए हैं। गुजरात पुलिस ने एमपी के जबलपुर से दवा कारोबारी सपन जैन को गिरफ्तार किया है। वहीं, गुजरात के गिरोह ने पिछले एक महीने में इंदौर निवासी सुनील मिश्रा के जरिए मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों में कम से कम 1,200 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शनों की आपूर्ति की है। इनमें इंदौर, देवास और जबलपुर जिले शामिल हैं।


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