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कोरोना संक्रमित होने के बाद भी मां ने बेटे का बढ़ाया हौसला

छिंदवाड़ा। जिला अस्पताल के कोविड वार्ड में भर्ती परिवार जिसमें से दो की हालत चिंताजनक बनी हुई थी। बेटे की तबियत बिगड़ती देख कोरोना संक्रमित मां ने अपने बेटे का हौसला बांधा और उसे कोरोना की लड़ाई में विजयी बनाया। मां और बेटे साथ में कोरोना वार्ड में 20 दिन तक भर्ती रहे और स्वस्थ होकर घर लौटे। बीमारी के कारण लगातार बेटे की हालत बिगड़ रही थी उसी दौरान भर्ती मां ने हौसला बढ़ाया। कोरोना महामारी में जहां पूरा परिवार ही संक्रमित हो रहा है, ऐसे में उनके साथ खड़ा होने उनके परिवार के सदस्य ही होते हैं। ऐसे में मां की बहुत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है, वह परिवार के एक एक सदस्य को संभाल कर रखती है। प्रायवेट कंपनी में नौकरी करने वाले खजरी निवासी युवक माता-पिता तथा पत्नी सभी कोरोना की चपेट में आ गए थे, सभी को धीरे-धीरे जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। 

पूरे परिवार में से तीन लोग की तबियत लगातार बिगड़ रही थी युवक के साथ ही मां व पिता को ऑक्सीजन लेने में समस्या आ रही थी। युवक के पिता को आइसीसीयू में भर्ती कराया गया, जिनकी उपचार के दौरान मौत हो गई। मां व बेटे में से बेटे की तबियत लगातार बिगड़ रही थी वह ऑक्सीजन के बिना नहीं रह पा रहा था। इस दौरान वार्ड में उसकी मां ने अपने बेटे का हौसला बढ़ाया तथा जिसके बाद युवक के स्वास्थ्य में सुधार आया। लगातार 20 से ज्यादा दिन एक ही वार्ड में भर्ती रहने के बाद मां-बेटे को कोरोना वार्ड से छुट्टी दी गई। 

जिस दौरान पूरा परिवार उपचार करा रहा था। इसी दौरान युवक के पिता की उपचार के दौरान मौत हो गई थी जिसकी जानकारी युवक को थी, लेकिन मां को नहीं बताया गया। युवक ने जब से पिता की मौत की खबर सुना था उसकी तबयित लगातार बिगड़ रही थी। इस दौरान सिर्फ उसके पास उसकी मां थी जिसने उसका हौसला बढ़ाया और वह इस कोरोना की लड़ाई को जीत पाए।

घर पहुंचे तब दी पिता की मौत की जानकारी

खजरी निवासी युवक व उसकी मां ने कोरोना की लड़ाई जीत ली, लेकिन पिता की मौत की जानकारी मां को नहीं बताई गई थी। मां ने बीमारी के दौरान बेटे का हौसला बढ़ाया, लेकिन जब घर जाकर पिता के बारे में पूछा तो घर के सदस्यों ने बताया कि जिस समय वह जिला अस्पताल में भर्ती थे उस दौरान ही पिता की मौत हो गई।