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Seoni Black Fungus News: सिवनी जिले में भी ब्लैक फंगस ने दी दस्तक, जबलपुर रेफर किया गया मरीज

सिवनी मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए ब्लैक फंगस नई मुसीबत बन रहा है। राज्य के कई हिस्सों में कोरोना संक्रमण से छुटकारा पा चुके मरीजों में इसके लक्षण मिले हैं। सिवनी जिले में भी इस बीमारी की आमद हो गई है। शुक्रवार को सिवनी अस्पताल में ब्लैक फंगस के लक्षणों वाले मरीज को विधायक दिनेश राय मुनमुन की पहल पर जबलपुर रेफर किया गया। सिवनी जिला अस्पताल के निरीक्षण के लिए पहुंचे विधायक पीपीई किट पहन कर आइसोलेशन वार्ड में ब्लैक फंगस के लक्षणों वाले मरीज से मिले। विधायक ने उसके इलाज में हो रही लापरवाही को लेकर डॉक्टरों से नाराजगी जताई। उन्होंने इस बारे में कलेक्टर से भी बात की। इसके बाद डॉक्टरों ने मरीज को बेहतर इलाज के लिए जबलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। ब्लैक फंगस कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुके मरीजों को अपना निशाना बनाता है। कोरोना पीड़ित की इम्युन‍िटी कम होने से यह हावी हो रहा है। खासकर डायब‍िटीज के पेशेंट को अधिक खतरा है। डॉक्टरों का मानना है कि यह नाक से होकर जबड़े और मस्त‍िष्क में पहुंच रहा है। प्रदेश में इसके दो सौ से ढाई सौ मरीज अब तक सामने आ चुके हैं। ब्लैक फंगस कोरोना की तरह संक्रामक नहीं है। कोविड में मृत्यु दर 1 से 2% होती है, लेकिन म्यूकर माइकोसिस में 55 फीसदी है। समय पर इलाज न मिले तो ना सिर्फ आंख जा सकती है बल्कि मौत भी हो सकती है। समस्या यह है कि ब्लैक फंगस का इलाज बेहद महंगा है। एक इंजेक्शन की कीमत छह से साढ़े छह हजार रुपये है। एक मरीज को हर दिन चार से पांच वायल लगाने पड़ते हैं। इसमें 30 से 35 हजार रुपये का खर्च आता है। मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ प्रदेश में इंजेक्शन की किल्लत भी हो रही है।


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