पेगासस से जासूसी, दिग्विजय सिंह ने बताया कि कैसे वह जासूसी से बचें

भोपाल कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सोमवार को कहा कि वह इजराइली स्पाईवेयर पेगासस (Spyware Pegasus) के जरिए कथित तौर पर फोन टैपिंग से बचने में कामयाब रहे क्योंकि उन्होंने अपने उस पुराने मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करना बंद कर दिया था, जिसका जिक्र एल्गर परिषद-माओवादी से जुड़े मामले से संबंधित पत्र में किया गया था। सिंह ने कहा कि उन्होंने दिसंबर 2019 में पेगासस के जरिए कुछ व्यक्तियों पर कथित जासूसी का मुद्दा पहले ही उठाया था। दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैं एक नक्सली से दूसरे को लिखे पत्र में बताए गए उस नंबर पर व्हाट्सऐप पर नहीं हूं, जिसमें पुणे में मेरे खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। यह मेरे लिए सौभाग्य की बात रही कि मैंने काफी समय पहले उस फोन (नंबर) का इस्तेमाल करना बंद कर दिया था, इसलिए मुझे फंसाया नहीं जा सकता। उनसे सवाल किया गया था कि क्या उन्हें शक है कि उनके फोन की भी जासूसी कराई गई है। एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन ने खुलासा किया है कि केवल सरकारी एजेंसियों को ही बेचे जाने वाले इजराइल के जासूसी साफ्टवेयर पेगासस के जरिए भारत के दो केंद्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक मौजूदा न्यायाधीश सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और अधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर हो सकता है कि हैक किए गए हों। यह रिपोर्ट रविवार को सामने आयी। गौरतलब है कि पेगासस विवाद की शुरुआत पर दिग्विजय सिंह ने सोमवार को एक वीडियो ट्वीट किया था। यह वीडियो 2019 का था, राज्यसभा के अंदर दिग्विजय सिंह पेगासस पर सवाल उठाया था। हालांकि तत्कालीन केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इसे सिरे से खारिज कर दिया था। इसी पर दिग्विजय सिंह ने रविवार को कहा कि मैं ऐसे ही किसी को बात नहीं रखता हूं।
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