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Gwalior News:पुलिस पर हंसते हुए एक के बाद एक अपराध करता रहा गुमशुदा आरोपी, अनसॉल्व्ड केसेज के फाइल से खुला राज

भोपाल मध्य प्रदेश के ग्वालियर में पुलिस ने एक फरार आरोपी को गिरफ्तार किया है जो बीते छह साल से गुमशुदा था। वह एक के बाद एक अपराधों को अंजाम देता रहा। एक बार गिरफ्त में आया भी तो पुलिस वाले उसे पहचान नहीं पाए। पुलिस उसके नाम के पोस्टर लगा कर उसे तलाश रही थी। वह इन पोस्टर्स को देख कर पुलिस पर हंसता था। उसकी किस्मत एक ट्रांसफर ने बदल दी। ट्रांसफर उसी अधिकारी का हुआ जिसने चार साल पहले उसे गिरफ्तार किया था। अक्टूबर 2015 में शुरू हुई यह कहानी पुलिस के अनसॉल्व्ड केसेस की फाइल में बंद हो चुकी थी। आरोपी राहुल बाथम एमपी के साथ राजस्थान में भी एक के बाद एक अपराधों को अंजाम देता रहा। बुधवार को उसकी किस्मत उसका साथ छोड़ गई। गिरफ्तार होने पर उसने खुद बताया कि अपने पोस्टर देख कर उसे पुलिसवालों पर हंसी आती थी। हुल 18 साल का था जब अक्टूबर 2015 में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट ग्वालियर के हजीरा थाना में लिखाई थी। अगले कुछ साल तक पांच पुलिस अधिकारियों ने उसे तलाश करने की कोशिश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। राहुल का परिवार भी उसकी तलाश में जी जान से लगा था। राहुल घर से निकलने के बाद गलत संगत में पड़ गया। उसे ड्रग्स की लत लग गई। उसने अपना पहला अपराध ग्वालियर में ही किया। तब उसने एक कॉलेज छात्रा का मोबाइल फोन छीना था। यहीं से लूट और छीना झपटी के सिलसिले की शुरुआत हुई। वह ग्वालियर के साथ भोपाल और राजस्थान की राजधानी जयपुर में भी लगातार इस तरह की घटनाओं को अंजाम देता रहा। साल 2017 में ग्वालियर की कोतवाली थाने की पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी किया, लेकिन पहचान नहीं पाई। उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट हजीरा थाने में दर्ज थी। कोतवाली थाने के पुलिसकर्मियों को पता नहीं था कि वह मिसिंग पर्सन की लिस्ट में शामिल है। राहुल को मोबाइल छीनने के अपराध में गिरफ्तार किया गया था। उसे जमानत मिल गई और वह फिर से लूटपाट करने में लग गया। इसी दौरान कोतवाली थाने के एक एएसआई का ट्रांसफर हजीरा थाने में हुआ। एएसआई हजीरा थाने में अनसॉल्व्ड केसेज की फाइल तलाश रहा था उसकी नजर राहुल बाथम की फाइल पर पड़ी। 2017 में इसी एएसआई ने राहुल को गिरफ्तार किया था। उसने एक झटके में ही पहचान लिया और राहुल की गिरफ्तारी की पृष्ठभूमि तैयार हो गई। रविवार को राहुल को किसी दूसरे अपराध में पकड़ा गया था, लेकिन पुलिस बिखरी कड़ियों को जोड़ने में कामयाब रही। अब वह पुलिस की हिरासत में है। एएसआई ने अपने सीनियर अधिकारियों को इस बारे में बताया और अब उसकी गुमशुदगी की अनसॉल्व्ड फाइल अब बंद कर दी गई है।


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