भारत माला प्रोजेक्ट में शामिल हुआ अटल प्रोग्रेस-वे, निर्माण के लिए अधिसूचना जारी

भोपाल अटल प्रोग्रेस-वे () को भारत माला फेज-1 में शामिल करने की स्वीकृति केंद्र सरकार के राष्ट्रीय राजमार्ग एवं सड़क परिवहन मंत्रालय ने गुरुवार को जारी कर दी है। एमपी लोकनिर्माण विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मण्डलोई ने बताया कि चंबल संभाग के भिंड, मुरैना और श्योपुर जिलों से होते हुए यह नया एक्सप्रेस-वे मध्यप्रदेश में 404 किलोमीटर लंबाई का होगा, जो पूर्व में झांसी (उत्तर प्रदेश) से और पश्चिम में कोटा (राजस्थान) से जोड़ते हुए निर्मित किया जाएगा। वहीं, प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अटल प्रोग्रेस-वे के भारतमाला फेज-1 में शामिल किए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का आभार जताया है। चौहान ने कहा कि अटल प्रोग्रेस-वे ग्वालियर-चबंल संभाग के विकास की जीवन रेखा साबित होगी। इस 404 किलोमीटर लंबाई के एक्सप्रसे-वे के आसपास इंडस्ट्रियल कोरिडोर का निर्माण कराया जाएगा, जो क्षेत्र के आर्थिक विकास की महत्वपूर्ण कड़ी बनेगी। इस मार्ग के निर्माण से झांसी (उत्तर प्रदेश) से कोटा (राजस्थान) का एक प्रमुख नया मार्ग जुड़ेगा, जो एमपी के तीन जिलों को लाभान्वित करेगा। इन दोनों बिंदुओं की दूरी में भी लगभग 50 किलोमीटर की बचत होगी। इस एक्सप्रेस-वे के बनने में आवागमन में लगने वाला 11 घंटे का समय घटकर 6 घंटे तक हो जाएगा। वहीं, चंबल नदी के किनारे-किनारे बनाए जाने वाले इस नए एक्सप्रेस-वे में एमपी शासन ने औद्योगिक, व्यावसायिक और विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में निवेश आमंत्रित करने के लिए अग्रिम तैयारी की है। एक्सप्रेस-वे में लगने वाली समस्त भूमि राज्य शासन की तरफ से अपने व्यय पर उपलब्ध कराई जा रही है। इस परियोजना पर लगभग 7000 करोड़ रूपये का व्यय संभावित है। इस एक्सप्रेस-वे को सात विभिन्न पैकेजों के माध्यम से बनाए जाने की तैयारी है। एमपी के लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि इस परियोजना की निविदाएं अब अतिशीघ्र जारी की जा सकेंगी। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तरफ से इस परियोजना में ली गई सतत रूचि एवं समीक्षा बैठकों को श्रेय देते हुए बताया कि पहली बार इतनी महत्वाकांक्षी और नए सिर से बनाये जाने वाली परियोजना की परिकल्पना, विस्तृत परियोजना रिपोर्ट निर्माण और भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्ति तक की जाने वाली कार्यवाही इतने कम समय में संभव हो पाई है। एनएचएआई अटल प्रोग्रेस-वे का निर्माण करेगा। अटल प्रोग्रेस-वे के लिये राज्य शासन की तरफ से रेकॉर्ड चार महीने में डीपीआर बनाकर भारत सरकार के समक्ष प्रस्तुत की गई। लगभग 1500 हेक्टेयर शासकीय भूमि का हस्तातरण भी रेकॉर्ड समय में पूर्ण करके राष्ट्रीय राजमार्ग एवं सड़क परिवहन मंत्रालय को आधिपत्य दिया जा चुका है।
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