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भारत-अमेरिका ने एक साथ एजेंडा 2030 पार्टनरशिप के लिए क्लाइमेट एक्शन और फाइनेंस मोबिलाइजेशन डायलॉग किया लॉन्च









भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका ने 13 सितंबर, 2021 को संयुक्त रूप से एजेंडा 2030 पार्टनरशिप का क्लाइमेट एक्शन एंड फाइनेंस मोबिलाइजेशन डायलॉग (CAFMD) लॉन्च किया है.


केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, भूपेंद्र यादव ने इस बारे में अपने ट्वीट में यह कहा कि, “अप्रैल 2021 में जलवायु पर नेता शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बिडेन की पहल को आगे बढ़ाते हुए, आज दोनों देशों ने संयुक्त रूप से एजेंडा 2030 पार्टनरशिप का क्लाइमेट एक्शन एंड फाइनेंस मोबिलाइजेशन डायलॉग शुभारंभ किया”.


जलवायु के लिए अमेरिका के विशेष राष्ट्रपति दूत जॉन केरी 12-14 सितंबर को भारत की यात्रा पर हैं. इससे पहले, उन्होंने जलवायु संकट से निपटने के लिए अपनी भारत यात्रा के एक हिस्से के तौर पर  केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से भी मुलाकात की थी.


क्लाइमेट एक्शन एंड फाइनेंस मोबिलाइजेशन: महत्व

एजेंडा 2030 पार्टनरशिप का क्लाइमेट एक्शन एंड फाइनेंस मोबिलाइजेशन डायलॉग (CAFMD) भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के महत्त्वपूर्ण वित्तीय पहलुओं को संबोधित करते हुए जलवायु परिवर्तन पर सहयोग को नवीनीकृत करने का अवसर प्रदान करेगा.


यह मुख्य रूप से अनुदान और रियायती वित्त के तौर पर जलवायु वित्त प्रदान करेगा, जैसा कि क्लाइमेट एक्शन को मजबूत करने के लिए पेरिस समझौते के तहत परिकल्पित है.


US-इंडिया एजेंडा 2030 पार्टनरशिप के बारे में

अप्रैल, 2021 में जलवायु पर विश्व के नेताओं के शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति जो बिडेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा US-इंडिया एजेंडा 2030 साझेदारी की घोषणा की गई थी.


अधिकारियों के अनुसार, यह डायलॉग/ संवाद न केवल जलवायु और पर्यावरण पर भारत-अमेरिका द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करेगा बल्कि यह प्रदर्शित करने में भी मदद करेगा कि, दुनिया कैसे लचीले और समावेशी आर्थिक विकास के साथ तेजी से क्लाइमेट एक्शन को संरेखित कर सकती है.


भारत-अमेरिका जलवायु साझेदारी

प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले, निवेश जुटाने और हरित सहयोग को सक्षम करने के लिए भारत-अमेरिका जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी की भी घोषणा की थी.


जॉन केरी ने CAFMD के शुभारंभ पर बोलते हुए यह कहा कि, भारत ने यह प्रदर्शित किया है कि, आर्थिक विकास और स्वच्छ ऊर्जा एक साथ चल सकते हैं. उन्होंने महत्वाकांक्षी जलवायु लक्ष्य निर्धारित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की भी सराहना की.


अपने जलवायु लक्ष्यों में महत्वपूर्ण प्रगति करने के लिए भारत को बधाई देकर और भारत के प्रयासों कि सराहना करते हुए, उन्होंने यह भी कहा कि, 450 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य भी भारत द्वारा प्राप्त किया जाएगा.


अमेरिका के विशेष दूत की भारत यात्राजॉन केरी की भारत यात्रा से जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) में पार्टियों के 26वें सम्मेलन (COP26) से पहले अमेरिका के द्विपक्षीय और बहुपक्षीय जलवायु प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा. यह सम्मेलन यूनाइटेड किंगडम के ग्लासगो में 31 अक्टूबर से 12 नवंबर, 2021 तक आयोजित किया जाएगा.

एजेंडा 2030 पार्टनरशिप का यह क्लाइमेट एक्शन एंड फाइनेंस मोबिलाइजेशन डायलॉग (CAFMD) भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका को वित्तीय पहलुओं को संबोधित करते हुए जलवायु परिवर्तन पर सहयोग को नवीनीकृत करने का अवसर प्रदान करेगा.

भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका ने 13 सितंबर, 2021 को संयुक्त रूप से एजेंडा 2030 पार्टनरशिप का क्लाइमेट एक्शन एंड फाइनेंस मोबिलाइजेशन डायलॉग (CAFMD) लॉन्च किया है.

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, भूपेंद्र यादव ने इस बारे में अपने ट्वीट में यह कहा कि, “अप्रैल 2021 में जलवायु पर नेता शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बिडेन की पहल को आगे बढ़ाते हुए, आज दोनों देशों ने संयुक्त रूप से एजेंडा 2030 पार्टनरशिप का क्लाइमेट एक्शन एंड फाइनेंस मोबिलाइजेशन डायलॉग शुभारंभ किया”.

जलवायु के लिए अमेरिका के विशेष राष्ट्रपति दूत जॉन केरी 12-14 सितंबर को भारत की यात्रा पर हैं. इससे पहले, उन्होंने जलवायु संकट से निपटने के लिए अपनी भारत यात्रा के एक हिस्से के तौर पर  केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से भी मुलाकात की थी.

क्लाइमेट एक्शन एंड फाइनेंस मोबिलाइजेशन: महत्व
एजेंडा 2030 पार्टनरशिप का क्लाइमेट एक्शन एंड फाइनेंस मोबिलाइजेशन डायलॉग (CAFMD) भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के महत्त्वपूर्ण वित्तीय पहलुओं को संबोधित करते हुए जलवायु परिवर्तन पर सहयोग को नवीनीकृत करने का अवसर प्रदान करेगा.

यह मुख्य रूप से अनुदान और रियायती वित्त के तौर पर जलवायु वित्त प्रदान करेगा, जैसा कि क्लाइमेट एक्शन को मजबूत करने के लिए पेरिस समझौते के तहत परिकल्पित है.

US-इंडिया एजेंडा 2030 पार्टनरशिप के बारे में
अप्रैल, 2021 में जलवायु पर विश्व के नेताओं के शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति जो बिडेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा US-इंडिया एजेंडा 2030 साझेदारी की घोषणा की गई थी.

अधिकारियों के अनुसार, यह डायलॉग/ संवाद न केवल जलवायु और पर्यावरण पर भारत-अमेरिका द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करेगा बल्कि यह प्रदर्शित करने में भी मदद करेगा कि, दुनिया कैसे लचीले और समावेशी आर्थिक विकास के साथ तेजी से क्लाइमेट एक्शन को संरेखित कर सकती है.

भारत-अमेरिका जलवायु साझेदारी
प्रधानमंत्री मोदी ने इससे पहले, निवेश जुटाने और हरित सहयोग को सक्षम करने के लिए भारत-अमेरिका जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी की भी घोषणा की थी.

जॉन केरी ने CAFMD के शुभारंभ पर बोलते हुए यह कहा कि, भारत ने यह प्रदर्शित किया है कि, आर्थिक विकास और स्वच्छ ऊर्जा एक साथ चल सकते हैं. उन्होंने महत्वाकांक्षी जलवायु लक्ष्य निर्धारित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की भी सराहना की.

अपने जलवायु लक्ष्यों में महत्वपूर्ण प्रगति करने के लिए भारत को बधाई देकर और भारत के प्रयासों कि सराहना करते हुए, उन्होंने यह भी कहा कि, 450 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य भी भारत द्वारा प्राप्त किया जाएगा.

अमेरिका के विशेष दूत की भारत यात्राजॉन केरी की भारत यात्रा से जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) में पार्टियों के 26वें सम्मेलन (COP26) से पहले अमेरिका के द्विपक्षीय और बहुपक्षीय जलवायु प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा. यह सम्मेलन यूनाइटेड किंगडम के ग्लासगो में 31 अक्टूबर से 12 नवंबर, 2021 तक आयोजित किया जाएगा.

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