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PM Modi in Aligarh: जानें कौन हैं राजा महेंद्र प्रताप सिंह, जिनके नाम पर पीएम मोदी रखेंगे यूनिवर्सिटी की आधारशिला









प्रधानमंत्री अलीगढ़ में लगभग दो घंटे के दौरे में राजा महेन्द्र सिंह राज्य विश्वविद्यालय का शिलान्यास करने के साथ डिफेंस यूपी कारिडोर अलीगढ़ नोड के कार्य की प्रगति की समीक्षा भी करेंगे.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 सितंबर 2021 को अलीगढ़ दौरे के दौरान (PM Narendra Modi Aligarh Visit) राजा महेंद्र प्रताप विश्वविद्यालय और डिफेंस कॉरिडोर का शिलान्यास किया. इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे. अलीगढ़ में पीएम मोदी एक जनसभा को भी संबोधित किया और कहा कि आज अलीगढ़ के लिए और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए बहुत बड़ा दिन है.

पीएम मोदी ने कहा कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह जी के जीवन से हमें अदम्य इच्छा शक्ति अपने सपनों को पूरा करने के लिए कुछ भी कर गुजरने वाली जीवटता आज भी हमें सीखने को मिलती है. हमारी आजादी के आंदोलन में ऐसे कितने ही महान व्यक्तित्वों ने अपना सब कुछ खपा दिया, लेकिन ये देश का दुर्भाग्य रहा कि आजादी के बाद ऐसे राष्ट्र नायक और राष्ट्र नायिकाओं की तपस्या से देश की अगली पीढ़ियों को परिचित ही नहीं कराया गया. उनकी गाथाओं को जानने से देश की कई पीढ़ियां वंचित रह गईं.
 

विश्वविद्यालय की स्थापना

राज्य सरकार द्वारा विश्वविद्यालय की स्थापना महान स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद् और समाज सुधारक राजा महेंद्र प्रताप सिंह की स्मृति और सम्मान में की जा रही है. विश्वविद्यालय अलीगढ़ की कोल तहसील के लोधा गांव और मुसेपुर करीम जरौली गांव में कुल 92 एकड़ से अधिक क्षेत्र में स्थापित किया जाएगा. विश्वविद्यालय अलीगढ़ संभाग के 395 महाविद्यालयों को संबद्धता प्रदान करेगा.

राज्य स्तरीय यूनिवर्सिटी

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सितंबर, 2019 में अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम राज्य स्तरीय यूनिवर्सिटी खोलने की घोषणा की थी.

जानें कौन हैं राजा महेंद्र प्रताप सिंह?

राजा महेंद्र प्रताप सिंह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हाथरस ज़िले के मुरसान रियासत के राजा थे. जाट परिवार से निकले राजा महेंद्र प्रताप सिंह की एक शख़्सियत के कई रंग थे. वे अपने इलाक़े के काफी पढ़े-लिखे शख़्स तो थे ही, लेखक और पत्रकार की भूमिका भी उन्होंने निभाई.

उन्होंने पहले विश्वयुद्ध के दौरान अफ़ग़ानिस्तान जाकर भारत की पहली निर्वासित सरकार बनाई. वे इस निर्वासित सरकार के राष्ट्रपति थे. राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने 01 दिसंबर 1915 को अफ़ग़ानिस्तान में पहली निर्वासित सरकार की घोषणा की थी.

निर्वासित सरकार का मतलब यह है कि अंग्रेज़ों के शासन के दौरान स्वतंत्र भारतीय सरकार की घोषणा. राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने जो काम किया था, वही काम बाद में सुभाष चंद्र बोस ने किया था.

राजा महेंद्र प्रताप सिंह का जन्म 01 दिसंबर 1886 को हाथरस जिले के मुरसान जमीदार रियासत में शाही परिवार में हुआ था. राजा महेंद्र प्रताप सिंह राजा घनश्याम सिंह की तीसरी संतान थे.

उनकी शुरुआती पढ़ाई अलीगढ़ के सरकारी स्कूल में हुई लेकिन उन्हें जल्दी ही मुहम्मदन एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज स्कूल (MAO) में भर्ती कर दिया गया, इस कॉलेज को ही अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के नाम से जाना जाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां उनके नाम पर विश्वविद्यालय की आधारशिला रखने जा रहे हैं, वहीं राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने चुनाव में भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. उन्होंने 1957 के लोकसभा चुनाव में मथुरा निर्वाचन क्षेत्र से अटल बिहारी वाजपेयी को हराया था. सिंह यहां निर्दलीय उम्मीदवार थे, वहीं वाजपेयी भारतीय जनसंघ के टिकट पर चुनाव लड़े थे.

भारत सरकार ने उनके सम्मान में साल 1979 में एक डाक टिकट जारी किया था. उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान साल 1940 में जापान में भारत के कार्यकारी बोर्ड की स्थापना की थी.

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