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30 सितंबर को जबलपुर आएगी स्वर्णिम विजय मशाल, ग्यारह दिन रहने के बाद रायपुर होगी रवाना

स्वर्णिम मशाल जबलपुर में 11 दिन रहेगी इसके बाद 12 अक्टूबर को रायपुर रवाना होगी।

जबलपुर,  16 दिसंबर, 1971 भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है। इस दिन भारतीय सेना की वीरता व साहस के सामने पाकिस्तानी सेना ने घुटने टेक दिए थे और पाकिस्तानी लेफि्टनेंट जनरल एके नियाजी ने भारत के लेफि्टनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोरा के सामने सरेंडर कर दिया था।

इसी ऐतिहासिक दिन के 50 वर्ष पूरे होने पर भारतीय सेना विशेष आयोजन कर रही है। जिसकी शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 दिसंबर, 2020 में दिल्ली के इंडिया गेट पर स्थित अमर जवान ज्योति से चार मशालों को देश की चारों दिशाओं में रवाना किया था।

एक साल तक ये चारों स्वर्णिम विजय मशालें 1971 में हुए युद्ध के शहीदों के गांव-गांव गईं। इसी यात्रा के दौरान इन्हीं में से एक स्वर्णिम विजय मशाल 30 सितंबर को मऊ से होते हुए शहर आ रही है। यह स्वर्णिम मशाल शहर में 11 दिन रहेगी इसके बाद 12 अक्टूबर को रायपुर रवाना होगी। हैडक्वार्टर मध्य भारत एरिया इस स्वर्णिम मशाल के स्वागत के लिए विविध आयोजन कर रहा है। जिससे देश के वीर शहीदों के त्याग और उनकी वीरता को सम्मान के साथ याद किया जा सके।

एक भव्य स्वागत समारोह एक अक्टूबर को कर्नल होशियार सिंह परेड ग्राउंड में किया जाएगा। जहां आर्मी के सैनिकों, अधिकारियों के साथ ही सिविल के भी अधिकारी मौजूद रहेंगे। साथ ही एनसीसी कैडेट्स, विद्यालयीन विद्यार्थी भी इस स्वागत समारोह में शामिल रहेंगे। शहीदों के सम्मान पुष्पचक्र अर्पित किया जाएगा। माइक्रोलाइट एयरक्राफ्ट द्वारा फ्लाई पास्ट दिया जाएगा।

आर्मी बैंड का प्रदर्शन होगा। इस कार्यक्रम के अंतर्गत तीन अक्टूबर को शिवाजी मैदान में फुटबाल मैच का आयोजन किया जा रहा है। छह अक्टूबर को रानी दुर्गावती विश्वविद्यालाय में आयोजन होगा। सात अक्टूबर को डेयर डेविल्स की टीम द्वारा गौरीशंकर परेड ग्राउंड में प्रदर्शन होगा। साथ ही यहां बैंड प्रदर्शन किया जाएगा। 10 अक्टूबर को कोबरा ग्राउंड में नास्टैल्जिया नाइट का आयाेजन किया जाएगा और फिर 11 अक्टूबर को स्वर्णिम मशाल रायपुर रवाना होगी।


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