MP New: इंदौर-अकोला फोरलेन में 800 मीटर की बनेगी दो सुरंगें, दो हजार पेड़ कटने से बचेंगे
मालवा क्षेत्र का पहला राजमार्ग जहां सुरंग से गुजरेंगे वाहन, एनएचएआइ ने प्रोजेक्ट में किया बदलाव
30 हेक्टेयर वनक्षेत्र खंडवा वनमंडल का आएगा
इंदौर। इंदौर-अकोला (इंदौर-एदलाबाद रोड) फोर लेन का रास्ता सुरंग से निकाला जाएगा। इंदौर से बड़वाह के बीच 800 मीटर की दो सुरंगें बनाई जाएंगी। यह मालवा क्षेत्र का ऐसा पहला राजमार्ग होगा, जहां सुरंग से वाहन गुजरेंगे। नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया (एनएचएआइ) ने तीसरी बार प्रोजेक्ट में बदलाव किया है। वन विभाग को पंद्रह से बीस दिन में सर्वे खत्म कर रिपोर्ट भेजनी है। खास बात यह है कि प्रोजेक्ट में पहले की तुलना में जंगल का हिस्सा कम हुआ है। अब करीब दो हजार पेड़ कटने से बच सकेंगे। राजमार्ग के बलवाड़ा-धनगांव हिस्से का टेंडर हो चुका है और इसका ठेका जीएचपी कंपनी को मिला है।
कैसे हुआ बदलाव
- इंदौर-अकोला-एदलाबाद फोरलेन के लिए इंदौर-बड़वाह वनमंडल से पहले 70 हेक्टेयर जमीन मांगी
- इसमें चोरल से 54 और बड़वाह से 16 हेक्टेयर में वनक्षेत्र शामिल था।
- यहां से करीब 12 हजार पेड़ काटे जाने थे
- आपत्ति आने के बाद एनएचएआइ ने अलाइनमेंट बदलने की बात कही
- जुलाई 2021 में बैठक बुलाई गई
- अधिकारियों ने कहा घाट सेक्शन के बजाए सड़क को पहाड़ों के बीच से निकाला जाए
- सिमरोल से चोरल के बीच सुरंग के लिए दो स्थान चिह्नित हुए
पहली सुरंग
सिमरोल बायपास के आगे भेरू घाट पर कक्ष क्रमांक 153 (300 मीटर)
दूसरी सुरंग
चोरल नदी से पहले कक्ष क्रमांक 161-162(500 मीटर)
160-190 करोड़ रुपये आ सकता है खर्च दोनों सुरंग बनाने में
8 हेक्टेयर वनक्षेत्र इंदौर से कम होगा सुरंग बनने से
3 हेक्टेयर वनक्षेत्र बड़वाह से कम होगा सुरंग बनने से
झाबुआ में लगाएंगे पौधे
रेंजर मुकेश अलावा के मुताबिक बदलाव को लेकर सर्वे चल रहा है, अगले सप्ताह तक रिपोर्ट देनी है। प्रोजेक्ट में जंगल की 61 हेक्टेयर जमीन आएगी। इसके बदले में झाबुआ की जमीन मिलेगी, जहां वनक्षेत्र में पौधारोपण किया जाएगा। नियमानुसार एक हेक्टेयर में एक हजार पौधे लगते हैं। 120 हेक्टेयर में लगभग एक लाख 20 हजार पौधे रोपे जाएंगे। इनकी देखभाल करीब 11 साल तक करनी होगी। इसका पूरा खर्च एनएचएआइ उठाएगा।