राऊ चौराहा अब आइआइएम इंदौर नाम से जाना जाएगा, आइपीएम की सीटें बढ़ाई जाएगी

इंदौर, राऊ चौराहे का नाम अब भारतीय प्रबंध संस्थान (आइआइएम) इंदौर के नाम से जाना जाएगा। चौराहे का सौंदर्यीकरण करने के साथ इसकी देखरेख अब आइआइएम करेगा। प्रशासन ने इसके लिए संस्थान को अनुमति दे दी है। जल्द ही चौराहे पर फ्लायओवर बनने जा रहा है इसके बाद से यहां का यातायात बेहतर बनाने में संस्थान भागीदारी देगा। बीट पुलिसिंग के साथ ही पुलिस के जवानों का तनाव दूर करने और उन्हें प्रबंधन की बारिकियां सीखाने का काम भी किया जाएगा। पुलिस भर्ती परीक्षाओं को भी बेहतर करने का काम संस्थान करेगा।
आइआइएम इंदौर परिसर का विस्तार किया जा रहा है। 30 एकड़ जमीन पर करीब 300 करोड़ की लागत से छात्रावास, मैनेजमेंट डेवलपमेंट प्रोग्राम (एमडीपी) की कक्षाओं के लिए बिल्डिंग और अावासीय परिसर बनाया जाएगा। दो से तीन वर्ष में यह काम पूर्ण हो जाएगा। लंबे समय से इंटीग्रेटेड प्रोग्राम इन मैनेजमेंट (आइपीएम) की सीटें बढ़ाने की भी मांग आइआइएम के पास आ रही थी।
इसके तहत 11 विद्यार्थियों को फीस और अन्य शुल्क में राहत दी जाएगी और तीन मेरिट विद्यार्थियों की फीस आइआइएम वापस करेगा। इसका करीब ढाई से तीन करोड़ का बजट बनाया गया है। कोरोना काल में संस्थान के सदस्यों ने फ्रंटलाइन योद्धाओं को भोजन उपलब्ध कराया और प्रदेश सरकार के साथ मिलकर तीन लाख शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए वीडियो माड्यूअल जारी किए।
रविवार को संस्थान ने अपना पाडकास्ट और विद्यार्थियों के लिए एप भी लांच किया। इससे सदस्यों का ज्ञान बढ़ाने और नोट्स, टाइम टेबल देखने, परिसर में विक्रेताओं, खेल सुविधाओं और बुकिंग स्लाट की जानकारी प्राप्त होगी। प्रो. राय ने बताया कि संस्थान की शुरुआत राजेंद्र नगर स्थित एक छोटी सी बिल्डिंग में हुई थी।
खुद के परिसर में कक्षाएं शुरू होने के बाद संस्थान ने लगातार रफ्तार बनाई रखी। एशिया में संस्थान 25वीं रैंक संस्थान को मिली है। हम संस्थान को अगले 25 वर्ष में दुनिया के टाप 10 संस्थान में शामिल कराने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। अब 16 देशों में 40 से अधिक विश्वविद्यालयों के साथ संस्थान का विदेशी सहयोग है।
प्रो. जतिन और प्रो. मनोज सर्वश्रेष्ठ शिक्षक से सम्मानित
फाउंडेशन डे के मुख्य अतिथि बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर अल्पेश शाह ने कहा आइआइएम इंदौर ने जेंडर डायवर्सिटी में भी प्रगति की है। संस्थान में 42 फीसद से ज्यादा महिला प्रतिभागी है। सफल होने के लिए संगठन में लैंगिक समानता अपनानी चाहिए। उन्होंने सात प्रमुख बातों पर जोर देते हुए कहा उद्देश्य को परिभाषित करें। एक आर्दश टीम बनाएं, उत्कृष्टता की निरंतर खोज में बने रहें। तैयारी करते रहें। अपने प्रतियोगी स्वयं बनें। साहसी रहे और मूल्यों पर अडिग रहे।