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21 साल के इस स्टूडेंट ने उबला चिकन खाकर घटा लिया 22 Kg वजन, अब लगने लगा पहले से भी ज्‍यादा फिट

अक्सर लोगों की वेटलॉस स्टोरी सुनकर वजन घटाना बेहद आसान लगता है, लेकिन असल में ऐसा है नहीं। वजन कम करना बहुत मुश्किल है। इसमें पूरा खेल समर्पण, अनुशासन और निरंतरता का है। अगर इन तीनों को फॉलो कर लिया, तो आपकी जीत पक्की है। आज हम आपको दिल्ली के रहने वाले 21 साल के स्टूडेंट हैदर अली के बारे में बताने वाले हैं। शुरू से ही खाने-पीने के शौकीन रहे हैदर कभी भी कुछ भी खा लेते थे। न समय देखते थे और न ये कि वह क्या खा रहे हैं। एक कॉलेज स्टूडेंट होने के चलते भूख लगने पर कुछ भी अनहेल्दी , ऑयली और जंक फूड खा लेना जैसे उनकी लाइफस्टाइल में शामिल हो गया था। धीरे -धीरे वजन बढ़ने लगा और बढ़कर जब 84 किलो तक पहुंच गया, तब उन्होंने अपने वजन को कम करने की ठानी। खाने-पीने पर कंट्रोल करना शुरू किया और मात्र 14 महीने में 22 किलो वजन कम करके पहले जैसे स्मार्ट दिखने लगे। इतनी कम उम्र में उन्होंने वजन घटाने के लिए कई चीजों का त्याग किया है और कई अच्छी चीजों को अपने जीवन में उतारा भी। ऐसे में अगर आप भी वजन कम करने की सोच रहे हैं, तो हैदर अली आपके लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं हैं। तो आइए जानते हैं कैसी रही दिल्ली के इस स्टूडेंट की वेटलॉस जर्नी। नाम- हैदर अलीव्यवसाय- स्टूडेंट आयु- 21 सालशहर- दिल्ली सबसे ज्यादा रिकॉर्ड किया वजन- 84 किग्रावजन कम करने में लगने वाला समय- 14 महीनेकितना वजन कम किया- 22 किग्रा

क्या आप भी एक स्टूडेंट हैं और कम उम्र में बढ़ते वजन से परेशान हैं। अगर हां, तो इस 21 साल के स्टूडेंट की वेटलॉस जर्नी आपको इंस्पायर कर सकती है। आइए जानते हैं, कैसे इस स्टूडेंट ने 14 महीने में 22 किलो वजन घटा लिया।


21 साल के इस स्टूडेंट ने उबला चिकन खाकर घटा लिया 22 Kg वजन, अब लगने लगा पहले से भी ज्‍यादा फिट

अक्सर लोगों की वेटलॉस स्टोरी सुनकर वजन घटाना बेहद आसान लगता है, लेकिन असल में ऐसा है नहीं। वजन कम करना बहुत मुश्किल है। इसमें पूरा खेल समर्पण, अनुशासन और निरंतरता का है। अगर इन तीनों को फॉलो कर लिया, तो आपकी जीत पक्की है। आज हम आपको दिल्ली के रहने वाले 21 साल के स्टूडेंट हैदर अली के बारे में बताने वाले हैं। शुरू से ही खाने-पीने के शौकीन रहे हैदर कभी भी कुछ भी खा लेते थे। न समय देखते थे और न ये कि वह क्या खा रहे हैं। एक कॉलेज स्टूडेंट होने के चलते भूख लगने पर कुछ भी अनहेल्दी , ऑयली और जंक फूड खा लेना जैसे उनकी लाइफस्टाइल में शामिल हो गया था।

धीरे -धीरे वजन बढ़ने लगा और बढ़कर जब 84 किलो तक पहुंच गया, तब उन्होंने अपने वजन को कम करने की ठानी। खाने-पीने पर कंट्रोल करना शुरू किया और मात्र 14 महीने में 22 किलो वजन कम करके पहले जैसे स्मार्ट दिखने लगे। इतनी कम उम्र में उन्होंने वजन घटाने के लिए कई चीजों का त्याग किया है और कई अच्छी चीजों को अपने जीवन में उतारा भी। ऐसे में अगर आप भी वजन कम करने की सोच रहे हैं, तो हैदर अली आपके लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं हैं। तो आइए जानते हैं कैसी रही दिल्ली के इस स्टूडेंट की वेटलॉस जर्नी।

नाम- हैदर अली

व्यवसाय- स्टूडेंट

आयु- 21 साल

शहर- दिल्ली

सबसे ज्यादा रिकॉर्ड किया वजन- 84 किग्रा

वजन कम करने में लगने वाला समय- 14 महीने

कितना वजन कम किया- 22 किग्रा



​टर्निंग पॉइंट कैसे आया-
​टर्निंग पॉइंट कैसे आया-

हैदर बताते हैं कि मुझे बचपन से ही खाने-पीने का शौक था। सुबह हो या आधी रात रसोई में जाकर कुछ भी खा लेता था। मेरी इस बुरी आदत के चलते मेरा वजन कब बढ़ता गया, मुझे पता नहीं चला।

कमर का साइज बढ़ने के कारण

मेरे पसंदीदा कपड़े भी फिट नहीं होते थे, इसलिए मैं अहसज महसूस करने लगा। मेरा स्ट्रेस लेवल भी दिन ब दिन बढ़ रहा था। एक दिन जब मैं पैदल चल रहा था, तो मुझे सांस लेने में तकलीफ हुई। बस तब से मैंने अपने

वजन को कम

करने का फैसला किया। इसके बाद से मैं लगातार फिट रहने की कोशिश कर रहा हूं।



​कैसी रही डाइट-
​कैसी रही डाइट-

सुबह का नाश्ता-

5 अंडे का सफेद भाग और एक कप चाय

दोपहर का खाना-

2 रोटी, 1 कप कोई भी मौसमी सब्जी और खीरा

रात का खाना-

250 किलो बॉइल्ड चिकन

प्री-वर्कआउट मील-

1 ब्राउन ब्रेड और 1 कप ब्लैक कॉफी

पोस्ट वर्कआउट मील-व्हे प्रोटीन

व्हे प्रोटीन



​वर्कआउट और फिटनेस सीक्रेट-
​वर्कआउट और फिटनेस सीक्रेट-

हैदर के अनुसार, वह हफ्ते में 6 दिन वर्कआउट करते हैं और एक दिन एक मसल प्रोग्राम को फॉलो करते हैं। उनके वर्कआउट रूटीन में

वेट ट्रेनिंग

के बाद 20 मिनट की हाई इंटेंसिटी कार्डियो और कुछ

स्ट्रेचिंग

शामिल हैं।



​ओवरवेट होने के कारण किन समस्याओं का सामना करना पड़ा
​ओवरवेट होने के कारण किन समस्याओं का सामना करना पड़ा

हैदर कहते हैं कि ओवरवेट होना मेरे लिए सबसे बड़ी समस्या थी। इसके कारण मुझे मेरे रिश्तेदारों द्वारा बॉडी शेमिंग का शिकार होना पड़ा। जिससे मेरा आत्मविश्वास कमजोर होता गया। इसके अलावा मुझे चलने-फिरने में भी दिक्कत होने लगी थी , इस कारण मैं अपना फेवरेट स्पोर्ट क्रिकेट तक खेल नहीं पा रहा था। इन्हीं बातों ने मुझे अहसास दिलाया कि मोटा होना कितना खराब होता है।



​खुद को मोटिवेट कैसे रखा
​खुद को मोटिवेट कैसे रखा

हैदर की मानें, तो अपनी पुरानी तस्वीरों जिसमें वे मोटे और अनफिट दिख रहे थे, को देखकर अपनी

वेट लॉस जर्नी के दौरान

खुद को मोटिवेट करने में मदद मिली। हैदर कहते हैं कि मेरे ट्रेनर ने इस दौरान बहुत प्रेरित किया। उन्होंने मुझे मेरी डाइट और वर्कआउट में अनुशासित होने में काफी हेल्प की।



​लाइफस्टाइल में क्या बदलाव किए
​लाइफस्टाइल में क्या बदलाव किए

हैदर कहते हैं कि वेटलॉस करना इतना आसान नहीं है। इस दौरान मैंने अपने शौक विराम लगा दिया था। इस दौरान मैं जंक फूड से बहुत दूर रहा।

वेटलॉस जर्नी के दौरान

सूक्ष्म पोषक तत्वों का ध्यान रखना मेरी जीवनशैली में सबसे जरूरी बदलाव था।



​खुद के वेटलॉस से क्या सीख मिली
​खुद के वेटलॉस से क्या सीख मिली

हैदर के अनुसार, वजन कम करने के दिनों में मैंने बहुत सी चीजें सीखी हैं, लेकिन सबसे अच्छे सीख मिली कि अनुशासन और निरंतरता बहुत जरूरी है। तभी आप किसी भी काम को करने में सफल हो सकते हैं।

डिस्क्लेमर : लेखक के लिए जो चीजें काम आईं जरूरी नहीं है कि आपके लिए भी काम करें। तो इस लेख में बताई गई डाइट-वर्कआउट को आंख मूंदकर फॉलो करने से बचें और पता करें कि आपके शरीर के लिए सबसे अच्छा क्या काम करता है।

यदि आपके पास भी ऐसी ही वेट लॉस से जुड़ी अपनी कहानी है, तो हमें

nbtlifestyle@timesinternet.in

पर भेजें।





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