ओमीक्रोन को मात देने वाले अमेरिकी डॉक्टर ने बताए 5 बड़े सबक, वायरस से बचने, जल्दी ठीक होने में मिलेगी मदद

Omicron se bachne ke upay: डॉक्टर फहीम यूनुस को हाल में कोरोना हो गया था और अब वो इससे उबर गए हैं। ओमीक्रोन से ठीक होने के बाद उन्होंने अपने अनुभव शेयर किये हैं कि कैसे ओमीक्रोन पॉजिटिव होने के बाद उन्होंने इसका मुकाबला किया और क्या-क्या सावधानियां अपनाकर जल्दी ठीक होने में मदद मिली।

कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है।
ओमीक्रोन (Omicron)
वेरिएंट आने के बाद नए मामलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ओमीक्रोन बहुत तेजी से फैलने वाला वेरिएंट है और इसे डेल्टा से भी ज्यादा घातक माना जा रहा है। ध्यान रहे कि कोरोना का कोई स्थायी इलाज नहीं और इससे बचने के लिए खुद को सुरक्षित रखना जरूरी है।
यह खतरनाक वायरस किसी को नहीं छोड़ रहा है। मरीजों के इलाज में लगे डॉक्टर भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। हाल में अमेरिका के बहुत से डॉक्टर
की चपेट में आए थे। उनमें से एक जानेमाने डॉक्टर फहीम यूनुस भी हैं।
डॉक्टर फहीम यूनुस
को हाल में कोरोना हो गया था और अब वो इससे उबर गए हैं।
से ठीक होने के बाद उन्होंने अपने अनुभव शेयर किये हैं कि कैसे ओमीक्रोन पॉजिटिव होने के बाद उन्होंने इसका मुकाबला किया और क्या-क्या सावधानियां अपनाकर जल्दी ठीक होने में मदद मिली।
पुरस्कार विजेता चिकित्सक डॉक्टर फहीम ने बताया कि उन्हें दो हफ्ते पहले लक्षण विकसित हो गए थे और उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। हालांकि कुछ उपायों को ध्यान में रखकर उन्हें इससे जल्दी उबरने में मदद मिली। इस बारे में उन्होंने अपने पांच अनुभव शेयर किये हैं।
Personal News: Omicron got me:) Two weeks ago I developed symptoms and tested +ve Sharing five lessons I learned… https://t.co/wIxHXi3csn
— Faheem Younus, MD (@FaheemYounus) 1642261069000
पहला सबक- 'मास्क काम करता है'
डॉक्टर फहीम ने मास्क के महत्व को माना है। उन्होंने बताया कि कोरोना से बचाव के लिए मास्क पहनना, विशेष रूप से N95 या KN95 मास्क जरूरी है। डॉक्टर यूनुस ने कहा कि पिछले दो वर्षों में हजारों रोगी होने के बावजूद वह कभी भी
से संक्रमित नहीं हुए। हालांकि कुछ दिन परिजनों के साथ बिना मास्क के रहने से उन्हें कोरोना हो गया।
दूसरा सबक- 'वैक्सीन काम करती हैं'

डॉक्टर यूनुस ने बताया है कि
के लिए टीकाकरण काम करता है और इस बात का सबसे बड़ा सबूत यह है कि मैं वैक्सीन और बूस्टर लेकर पांच दिनों के भीतर ठीक होकर काम पर लौट आया हूं। बड़ी बात यह है कि मैं वेंटिलेटर पर अपने जीवन के लिए लड़ने के बजाय ट्विटर पर अपने अनुभव शेयर कर रहा हूं।
तीसरा सबक -'बेवजह दवाओं की जरूरत नहीं'

के लक्षणों से निपटने के लिए हर बार दवाओं की जरूरत नहीं होती है। उन्होंने अपने इलाज के बारे में बात करते हुए बताया कि उन्होंने स्टेरॉयड, एंटीबायोटिक्स या पैक्सलोविड, आइवरमेक्टिन, जिंक आदि नहीं लिया क्योंकि उनके लक्षण हल्के थे। हालांकि, उन्होंने कहा कि गंभीर बीमारी के लिए प्रोटोकॉल अलग हैं।
चौथा सबक 'अंत को हमेशा याद रखें'

डॉ यूनुस ने लोगों को उनकी मृत्यु दर के बारे में सोचने का सुझाव दिया है। उन्होंने बताया है कि कोरोना हो या न हो, लेकिन लोगों को अक्सर अपनी मृत्यु दर के बारे में सोचना चाहिए। इससे सही दिशा में सोचने, सही फैसले लेने और साहसी बनने में मदद मिलती है। याद रहे कि हर्ड इम्युनिटी अच्छी बात है लेकिन भेड़ चाल ठीक नहीं है।
पांचवां सबक 'जोखिमों पर नजर रखें'

अंत में, डॉ फहीम यूनुस ने
के लिए मास्क पहनने पर जोर दिया। उन्होंने केएन / एन 95 मास्क पहनने की सलाह दी। उन्होंने वैक्सीन लगवाने की भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि अगर आपको अभी भी लगता है कि आपको कोरोना है, तो आप पूरी तरह से ठीक हो सकते हैं। वह पारिवारिक सभा मेरे लिए महत्वपूर्ण थी। लेकिन आपकी जोखिम सहने की क्षमता अलग हो सकती है।
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